भारतीयों के लिए विदेशों में जेल जाने का का कारण बन रहा है मोबाइल का पैनिक बटन

भारतीयों के लिए विदेशों में जेल जाने का का कारण बन रहा है मोबाइल का पैनिक बटन। हालांकि यह इमरजेंसी डायलिंग सेवा सरकार के निर्देश पर आरम्भ की गई थी जिससे कि मुश्किल समय में जरूरतमंद लोगों को शीध्र मदद मिल सके।

सरकार द्वारा पैनिक बटन शुरू करने का मकसद मुसीबत में फंसे लोगों को मदद पहुंचने का था। फीचर फोन में इमरजेंसी नंबर तुरंत डायल करने के लिए 5 या 9 को लंबे समय तक दबाना होता है, जबकि भारतीय स्मार्टफोन में आपको ऑन ऑफ बटन या लॉक बटन 3 बार जल्दी से दबाना होता है।

अगर आपका स्मार्टफोन लॉक होते वक्त अपने आप इमरजेंसी नंबर डायल कर देता है तो विदेश यात्रा के दौरान आपको सतर्क रहने की जरूरत है। विदेश में इस अनजान मुसीबत के कारण लोगों को जेल तक की हवा खानी पड़ रही है। केंद्र सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों और मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियों के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए कहा है।

भारत में इमरजेंसी नंबर डायल करने के बाद कॉल आईवीआर सिस्टम पर जाती है जबकि विदेश में फेक इमरजेंसी कॉल करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है। अन्य कई देशों में भी पुलिस फेक इमरजेंसी कॉल पर सख्त कार्यवाही करती है।

भारत के स्मार्ट फोन में तीन बार जल्दी से लॉक बटन दबाने पर अक्सर इमरजेंसी नंबर डायल होने लगता है। कई बार जेब के अंदर भी यह बटन आसानी से दब जाते हैं और इमरजेंसी नंबर पर कॉल चली जाती है। भारत में इमरजेंसी नंबर पर 97% कॉल ब्लैंक जाती हैं। इससे निपटने के लिए भारत में आईवीआर सिस्टम का सहारा लिया है।

SHARE