: रेफरल अस्पताल बड़हिया में फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म का गठन एवं एकदिवसीय प्रशिक्षण : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा उपस्थित हुए कुल 11 फाइलेरिया के मरीज
लखीसराय।
‘समाज में फाइलेरियारोधी दवाओं के सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करेगा फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म ।’ उक्त बात शुक्रवार को रेफरल अस्पताल बड़हिया में स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फॉर एडवोकेसी के द्वारा आयोजित फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म के गठन और एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अस्पताल के एमओआईसी डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने कही।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म में शामिल फाइलेरिया के रोगी जिला में 20 सितंबर से 17 दिनों तक चलने वाले सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) के दौरान घर-घर जाकर लोगों को यह बताने की कोशिश करेंगे की फाइलेरिया की दवा का सेवन करना कितना आवश्यक है। अन्यथा कोई भी व्यक्ति उनकी ही तरह हाथीपांव फाइलेरिया का शिकार होकर जीवनभर के लिए दिव्यांगता के साथ जीवन जीने को मजबूर हो सकता है।
इस अवसर पर एमओआईसी डॉ विनोद कुमार सिन्हा के अलावा वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर अन्नु कुमार, वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर दिलीप कुमार मालाकार, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक श्वेता कुमारी सहित कुल 11 फाइलेरिया के मरीज भी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) गौतम प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को यहां फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म का गठन हुआ है। ये लोग जिला में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) कार्यक्रम के दौरान घर- घर घूमकर वैसे लोग जो फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करना चाहते हैं या वो लोग फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिए दवा के सेवन का महत्व नहीं समझते ऐसे सभी लोगों से मिलेंगे। उन्हें फाइलेरिया जैसी बीमारी जो लोगों को स्थाई रूप से दिव्यांग बना सकती है से बचने के लिए सरकार के द्वारा साल में एक बार खिलाई जाने वाली फाइलेरिया की दवा के सेवन के लिए जागरूक कर दवा खाने के लिए राजी करेंगे।
इसके अलावा यह प्लेटफार्म रिफ्यूजल लोग, जो दवा खाने से साफ इंकार कर देते हैं ,वैसे लोगों से भी मिलकर उन्हें दवा खाने के महत्त्व और आवश्यकता के बारे जानकारी देते उन्हें भी पूरे परिवार के साथ फाइलेरिया की दवा लेने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म के गठन का मुख्य उद्देश्य सरकार के द्वारा साल में एक बार लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के लिए चलाए जाने वाले एमडीए/ आईडीए राउंड के दौरान अपने क्षेत्र में घर- घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करना है।
इसके साथ ही यह भी बताना है यदि आप अभी फाइलेरिया की दवा का सेवन नहीं करते हैं तो हो सकता है आप भी मेरी तरह हाथीपांव फाइलेरिया से ग्रसित होकर जीवन भर एक दिव्यांग की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाएं। उन्होंने बताया कि एमडीए/आईडीए राउंड के दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं खिलानी है फाइलेरिया की दवा। अभी जिला भर में चल रहे आईडीए राउंड के दौरान लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी के अलावा एक अन्य तीसरी दवा आईवरमैक्टिन का सेवन करवाया जा रहा है।
इस दवा का सेवन लंबाई के अनुसार कराया जाता है। वहीं डीईसी की दवा का उम्र के अनुसार डोज जैसे 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 टैबलेट्स, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 2 टैबलेट्स और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को 3 टैबलेट्स दिया जाता है। इसके अलावा सभी आयु वर्ग के लोगों को एक -एक टैबलेट्स अल्बेंडाजोल का दिया जाता है।