G20 के बाद अब P20 के आयोजन में जुटा है भारत। अब दुनिया देखेगी देश की नई संसद। जी20 सम्मेलन में सर्वसम्मति से जारी घोषणापत्र को लेकर पूरी दुनिया में जमकर भारत की प्रशंसा की गई थी। P20 सम्मेलन में शामिल सभी विषयों को लेकर भी एक घोषणापत्र जारी होगा। इस संयुक्त बयान में लोकतांत्रिक पद्धति से वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का एक रोडमैप दिखाई देगा।
12-14 अक्टूबर तक होने वाले इस सम्मेलन में जी20 समिट में भाग लेने वाले सभी देशों की संसद के अध्यक्ष और उनके साथ आए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। यह कार्यक्रम देश की नई संसद भवन में होगा। P-20 सम्मेलन के जरिए पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र के नए मंदिर से भी रूबरू होगी। वन अर्थ, वन फैमिली एवं वन फ्यूचर के लक्ष्यों के साथ P20 सम्मेलन के दौरान भारत अपने सदियों पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को दुनिया के सामने रखने वाला है।
सम्मेलन में कुल चार सत्र रखे गए हैं। पहला सत्र “Agenda 2030 for SDGs: Showcasing Achievements, Accelerating Progress” के नाम से है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित है।
इसमें कोरोना महामारी के बाद विश्व स्तर पर गरीबी और पिछड़ेपन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाई गई नीतियों और उसके क्रियान्वयन की समीक्षा होगी। इस सत्र में भारत अपने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को एक रोल मॉडल के तौर पर सभी देशों के सामने पेश करने वाला है। दूसरा सत्र “Sustainable Energy Transition: Gateways to a Green Future” के ऊपर है। यह वैकल्पिक उर्जा स्त्रोतों के जरिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने को लेकर है। इस सत्र के दौरान विकसित देशों को अपने उन वादों को पूरा करने पर जोर होगा, जिसके तहत बजट और टेक्नोलॉजी के जरिए विकासशील देशों को मदद देने पर सहमति बनी थी।