गर्भावस्था में दो बार और बच्चों का पांच साल में सात बार टीकाकरण अनिवार्य

  • सीएमओ ने लोहामंडी सेकंड से किया आईएमआई अभियान के तीसरे चरण का शुभारम्भ

आगरा, 09 अक्टूबर 2023
सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत जिले में नौ अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक गर्भवती और बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण की सेवा लेने से चूक गयीं गर्भवती और बच्चों के टीकाकरण पर अभियान के दौरान विशेष जोर रहेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोहामंडी सेकंड के कार्य क्षेत्र के विक्रम नगर से जिला स्तरीय अभियान का शुभारम्भ किया । उन्होंने जनपदवासियों को संदेश दिया कि गर्भावस्था में दो बार और बच्चों को पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण की सुविधा दिलवाना अनिवार्य है ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन (डीआईओ) ने बताया कि तीसरे चरण के अभियान के दौरान 2560 सत्र लगा कर 0 से 5 साल तक के 29669 बच्चों और 2666 गर्भवती का टीकाकरण किया जाना है । नियमित टीकाकरण गर्भवती को टिटनेस और डिप्थीरिया जैसी बीमारी से बचाता है । बच्चों का यह मीजल्स, टिटनेस, इंसेफलाइटिस जैसी तेरह प्रकार की जानलेवा बीमारी से बचाव करता है । टीकाकरण सत्र की जानकारी और सुविधा अपने क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम की मदद से प्राप्त की जा सकती है । अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर 104 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है । गर्भवती को पहला टीका गर्भावस्था का पता चलने पर और दूसरा टीका एक महीने के अंतराल पर अवश्य लगवा लेना चाहिए ।
डीआईओ ने बताया कि एक सप्ताह में 2560 सत्र अयोजित कर शून्य से पांच वर्ष 29669 बच्चों को टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पेंटा और डीपीटी की पहली, दूसरी ओर तीसरी डोज से वंचित 17880 बच्चों, एमआर फर्स्ट से वंचित 6129, एमआर 2 से वंचित 5660 बच्चों को टीका लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान 6266 गर्भवती महिलाओं को टीडी का टीका लगाया जाएगा।

लोहामंडी द्वितीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी अस्पताल के सभी टीके दो से आठ डिग्री के तापमान के बीच सुरक्षित रखे जाते हैं। यह पूरी तरह से असरकारक हैं । कुछ टीके लगने के बाद बुखार आ सकता है, लेकिन इससे कोई हानि नहीं होती है । यह टीके का असर होता है जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी दिक्कत से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग दवा भी देता है ।

इस मौके पर मेडिकल ऑफिसर डॉ. वीरेश सक्सेना, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, एएनएम प्रियंका, आशा कार्यकर्ता शकुंतला वर्मा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पिंकी मौजूद रहीं।

विक्रम नगर निवासी 28 वर्षीय निशा खान ने बताया कि वह छह माह की गर्भवती हैं, यह उनका पहला बच्चा है। गर्भवती होने पर डर के कारण टीका नहीं लगवाया। क्षेत्रीय आशा शकुंतला ने उन्हें दो दिन लगातार समझाया कि टीडी का टीका लगवाने से कोई भी परेशानी नहीं होगी और इसे लगवाने से जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं। निशा ने बताया कि आशा के समझाने पर अब उन्होंने अपने टीडी का टीका लगवा लिया है। इससे उन्हें कोई भी परेशानी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि आशा ने उन्हें गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व चार बार जांच कराने के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।

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