जर्मनी के विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को प्रवेश देने के लिए बहुत उत्सुक

जर्मनी के विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को प्रवेश देने के लिए बहुत उत्सुक हैं। जर्मनी चाहता है कि भारतीय छात्र पढने के लिए अधिक संख्या में जर्मनी आएं और पढने के बाद यहाँ काम करें।

जर्मनी में विदेशी छात्रों में सबसे बड़ा हिस्सा भारतीय छात्रों का है, लेकिन भारतीय छात्रों की कुल संख्या 42000 ही है। यह यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा या अमेरिका से काफी कम है। जर्मनी अधिक भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए काफी कुछ उपाय कर रहा है।

जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। जर्मनी में एक भाषा का मुद्दा बहुत बडा है, लेकिन अब अधिकांश मास्टर डिग्री अंग्रेजी में पढ़ाई जाती है। जर्मनी का एक बड़ा प्लस पॉइंट भी है , वहाँ की कम लागत। जर्मनी में स्टेट यूनिवर्सिटीज मुफ़्त हैं। कुछ विश्वविद्यालयों में प्रति सेमेस्टर एक हजार यूरो का शुल्क है।

यदि आप इसकी तुलना अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूके से करते हैं, तो जर्मनी एक बहुत ही आकर्षक विकल्प है। फिर एक बार जब आप जर्मनी में स्नातक हो जाते हैं, तो आपके पास नौकरी खोजने के लिए 18 महीने का रेजिडेंट परमिट होता है। एक बार जब आपको जर्मनी में नौकरी मिल जाती है, तो आप जब तक चाहे रह सकते हैं।

जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारत के प्रति जर्मनी का दृष्टिकोण साफ करते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक महत्व हासिल कर रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है। यह आने वाले वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण एक्टर में से एक होगा। इसकी अच्छी और मुखर विदेश नीति है। इसलिए आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अधिक देखेंगे। इसका एक निश्चित संबंध चीन से भी है, लेकिन वह यहीं तक सीमित नहीं है। भारत बहुत स्थिर विकास वाली अर्थव्यवस्था है, जो बहुत तेज़ी से विकास कर रहा है।

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