-बच्चों को डायरिया से बचाने पर दें ध्यान
-पेट मरोड़ व दर्द के साथ दस्त व उल्टी है डायरिया की पहचान
लखीसराय।
इस समय मौसम में जिस तरह से उतार -चढ़ाव हो रहा उसमें डायरिया फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। हम सब दैनिक समाचार पत्र में डेंगू के साथ डायरिया फैलने की खबर पढ़ते आ रहे हैं। इस मौसम में अपने साथ अपने बच्चों का का भी खास ख्याल रखना महत्वपूर्ण हो जाता है। इनमें डायरिया एक गंभीर बीमारी है।
छोटी सी लापरवाही डायरिया की समस्या को गंभीर बना देती है। ऐसे में जरूरी है कि आवश्यक सावधानी बरती जाये ताकि अनावश्यक रूप से परेशान होने से बचा जा सके। यह किसी भी आयुवर्ग व्यक्ति को हो सकता है। थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर यह समस्या विशेष तौर पर शारीरिक रूप से कमजोर लोगों जैसे बुजुर्ग व बच्चों में अधिक गंभीर हो जाता है।
डायरिया होने का कारण – बैक्ट्रीरिया और वायरस से होने वाला संक्रमण है। प्रदूषित खानपान, बासी भोजन, साबुन से हाथ नहीं धोना, साफ पेयजल का इस्तेमाल नहीं करना आदि डायरिया की वजह हैं। डायरिया होने पर पेट मरोड़ व दर्द के साथ दस्त व उल्टी होती है। कभी कभी मल में खून या म्यूकस भी आने की शिकायत हो सकती है। डायरिया पीड़ित को इस दौरान तेज बुखार, सिरदर्द और हाथ व पैरों में दर्द होता है। चूंकि दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए मरीज को तरल पदार्थ जरूर दिया जाना चाहिए।
शरीर में पानी की कमी के लक्षणों की ऐसे करें पहचान:•गला सूखना व मुंह में सूखापन.•कमजोरी और सुस्ती का एहसास.•गाढ़े रंग का पेशाब होना.•बहुत कम पेशाब होना.•प्यास लगना. जब शरीर में पानी की कमी हो निम्न तरीका अपनायें: •पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें.•नारियल पानी पीना लाभप्रद है. •ओआरएस का इस्तेमाल करें.•चिकित्सक की सलाह से आवश्यक दवाई लें.•पानी को उबाल कर ठंडा कर लें और पीयें. •अधपके खाद्य पदार्थों, कटे और खुले फलों से परहेज.•फलों व सब्जियों को अच्छी तरह धो कर इस्तेमाल।
नवजात व छोटे बच्चों का इस तरह रखें ध्यान : नवजात व दूध पीते छोटे बच्चों में डायरिया की समस्या की रोकथाम के लिए उनका नियमित स्तनपान कराया जाना जरूरी है। इसके अलावा इसका भी पालन अवश्य रूप से करें।•ओआरएस का घोल बना कर छोटे छोटे घूंट में पिलायें. •वॉशरूम के इस्तेमाल के बाद मां साबुन से हाथ धोएं•बच्चे के नियमित स्तनपान व संतुलित आहार का ध्यान रखें. •आवश्यक होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जायें।
आशा एवं एएनएम से लें मदद: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया कि डायरिया की रोकथाम के लिए आशा एवं एएनएम की मदद ली जा सकती है। उनके पास ओआरएस व जिंक की गोली मौजूद होती है। इसका सेवन डायरिया को रोकता है। साथ ही आशा व एएनएम सहित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक का फोन नंबर अवश्य रखें। ताकि फोन पर भी सलाह ली जा सके।