राष्ट्रीय कवियत्री सम्मेलन में महिलाओं ने बांधा समां

राष्ट्रीय कवियत्री सम्मेलन में देशभक्ति की बयार वही
फरह।

पं० दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव समारोह में गुरुवार रात्रि राष्ट्रीय कवियत्री सम्मेलन में ओज और वीर रस से परिपूर्ण कवियत्रियों के काव्य पाठ ने श्रोताओं को तालियों की गड़गड़ाहट के लिए मजबूर कर दिया। श्रोता जोश में भारत माता की जय के नारे लगाते रहे।

कवि सम्मेलन लखनऊ की कविता तिवारी द्वारा माँ शारदा की वंदना सारी धरा तुम्हारे ही गीत गा रही है, ऐसा लगा तू मधुरिम वीणा बजा रही है।
के साथ शुरू हुआ। कवियत्री मनु वैशाली ने कृष्ण..कृष्ण एक सत्य..काव्य पाठ कर भगवान कृष्ण को दर्शन का विषय बताया। काशी से युवा कवयित्री प्रियंका राय ने हां मै नारी हैं हूं..सुनाकर महिलाओं के मह्त्व पर प्रकाश डाला।

नागपुर की श्रद्धा शौर्य की कविता आतंकी गुर्गों पर भारी, एक अकेला भगवाधारी सुनाकर शौर्य ने वाही-वाही लूटी और श्रोता ताली बजाने पर विवश हो गए। नैनीताल की गौरी मिश्रा की प्रेम रस की कविता मुड़के देखा मुझे तो संवर जाऊंगी, प्रेम की एक चुभन से निखर जाऊंगी। वाही- वाही लूटी। बलजीत कौर ने हास्य व्यंग से सभी को गुदगुदाया। तुषा शर्मा मेरठ के मुक्तक जो दिल की बात अब तक तुझे कहने से डरती हूं.. ने श्रोताओं को ताली बजाने को मजबूर कर दिया। निधि निशंक विदिशा की ओज पूर्ण कविताओ ने युवाओं में जोश भर दिया। ममता शर्मा आदि को सभी ने सराहा। कीर्ति काले दिल्ली ने संचालन किया। भोर होने तक काव्य के समन्दर में श्रोता डुबकी लगाते रहे।
इससे पूर्व पं० दीनदयाल उपाध्याय के चित्रपट के सम्मुख समिति पदाधिकारियों और कवित्रियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। सभी कवियत्रियोंं का समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन में महेंद्र शर्मा क्षेत्र प्रचारक, कवि संयोजन सचिन दीक्षित, संयोजक जगमोहन पाठक, राजेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेंद्र पाठक, मंत्री मनीष अग्रवाल, विभाग प्रचारक अरुण पांचजन्य, महावीर शर्मा, शिवकुमार, चेयरमैन शालिग्राम बटिया, मुकेश शर्मा प्रचार प्रमुख, राम पाठक, शशिकांत आदि उपस्थित रहे।

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