दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के प्रांगण मे दशहरे पर्व पर विराट विश्व शांति यज्ञ संपन्न किया गया। इस विश्व शांति यज्ञ में 111 यज्ञकुंडों पर करीब 1400 धर्मप्रेमी भक्त यजमान पद पर विराजमान थे। इसके अलावा इस उत्सव में बड़ी संख्या में भक्त समुदाय भी उपस्थित था।
अक्षरधाम मंदिर के अनेक आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार को परिसर में भव्य ‘विश्वशांति महायज्ञ’ का आयोजन किया गया। मंदिर के संत भक्तवत्सल स्वामी ने बताया कि उपनिषदों के अनुसार, यज्ञ एक विशिष्ट भक्तिमय प्रक्रिया है जो समर्पण का प्रतीक है। यज्ञ की अग्नि में जिस वस्तु की मंत्रों सहित आहुति दी जाती है वह अन्य देवताओं तक पहुंचती है।
दिल्ली का यह अक्षरधाम मंदिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसे समूचे विश्व में सबसे व्यापक हिंदू मंदिर माना गया है। अपने आध्यात्मिक वैभव के अतिरिक्त, यह स्थल अपनी वास्तुकला, चित्रकला, मूर्तिकला, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, भारतीय संस्कृति के उत्कृष्ट प्रस्तुतीकरण तथा रंगारंग जलतरंग के प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है।
विजयदशमी पर आयोजित इस महायज्ञ में किसी महापर्व जैसी रौनक थी। सभी लोग सुबह 5 बजे ही यज्ञ स्थल पर पहुंच गए। 1400 धर्मप्रेमीयों के लिए 111 यज्ञकुंडों को स्वस्तिक आकार में पिरोया गया था। भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को उजागर करता यह महायज्ञ, सम्पूर्ण विश्व में अखंड शांति के लिए प्रार्थना के साथ संपन्न हुआ।