जिला के चार प्रखंडों चौथम, गोगरी, खगड़िया सदर और परबत्ता प्रखंड में होना है नाइट ब्लड सर्वे – जिला के तीन प्रखंड अलौली, बेलदौर और मानसी प्रखंड में हो चुका है प्री ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे
खगड़िया।
आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड से पूर्व जिला में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) कार्यक्रम शुरू हो गया है। जिला के चार प्रखंड चौथम, गोगरी, खगड़िया सदर और परबत्ता प्रखंड में नाइट ब्लड सर्वे होना है। इनमें से चौथम प्रखंड के नीरपुर और सरैया गांव में 2 और 4 दिसंबर को नाइट ब्लड सर्वे के दौरान माइक्रो फाइलेरिया की जांच के लिए 300- 300 कुल 600 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया।
इसी प्रकार से गोगरी प्रखंड के पसराहा और गौछारी गांव में, खगड़िया सदर प्रखंड के भदास और रहीमपुर गांव में और परबत्ता प्रखंड के डुमरिया बुजुर्ग और सलारपुर गांव में इस महीने तक नाइट ब्लड सर्वे के लिए शिविर आयोजित कर 600 – 600 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच की जाएगी। इन 600 लोगों के ब्लड सैंपल में से यदि 1% या इससे अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट मिलता है तो पूरे प्रखंड में (एमडीए) राउंड के दौरान लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
क्या है नाइट ब्लड सर्वे ? डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (डीवीबीडीसीओ) डॉ विजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के आदेशानुसार जिला में प्री टास वाले तीन प्रखंड अलौली, बेलदौर और मानसी को छोड़कर शेष चार प्रखंड चौथम, गोगरी, खगड़िया सदर और परबत्ता प्रखंड में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन राउंड से पूर्व नाइट ब्लड सर्वे करवाने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
नाइट ब्लड सर्वे के लिए प्रखंड के दो गांव में रेंडम और सेंटिनल साइट का निर्धारण कर दोनों स्थानों पर रात्रि के 8 से 12 बजे के दौरान 300-300 कुल 600 सामान्य लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसमें से 1% या इससे अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट आने पर पूरे प्रखंड में एमडीए राउंड के दौरान लोगों को फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सेवन करवाया जाता है।
इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमारी ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाती है। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान गांव के सामान्य लोगों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए ताकि प्रखंड में माइक्रो फाइलेरिया रेट का पता लगाकर लोगों को एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया की दवा खिलाकर प्रखंड और जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने में मदद मिल सके ।
जिला के तीन प्रखंड अलौली, बेलदौर और मानसी प्रखंड में हो चुका है प्री ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (प्री टास) : जिला के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) मो. शाहनवाज आलम ने बताया कि पिछले वर्ष जिला के तीन प्रखंड अलौली, बेलदौर और मानसी में माइक्रो फाइलेरिया रेट 1% से कम होने के कारण वहां सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ था।
इस वर्ष इन तीनों प्रखंड में प्री ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे ( प्री टास ) कार्यक्रम का आयोजन कर 18 वर्ष से अधिक उम्र के कुल 900 सामान्य लोगों का रात्रि में 8 से 12 बजे के दौरान ब्लड सैंपल लिया गया है। हालांकि अभी तक इन तीनों प्रखंड का माइक्रो फाइलेरिया रेट का रिपोर्ट नहीं आया है। अगले कुछ दिनों में रिपोर्ट आने की संभावना है।
इस रिपोर्ट में यदि कुल 900 लोगों में 1% या इससे अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट आता है तो इन तीनों प्रखंड में भी आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड के दौरान लोगों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे और प्री टास में सबसे बड़ा अंतर यह है कि प्री टास में जहां 900 लोगों का सैंपल लिया जाता वहीं नाइट ब्लड सर्वे के दौरान कुल 600 लोगों का सैंपल लिया जाता है। इनमें से 1%या उससे अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट आने पर वहां सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाती है।