– गोगरी प्रखंड के पसराहा और गौछारी गांव में नाइट ब्लड सर्वे में 600 लोगों का लिया जाएगा ब्लड सैंपल
– जिला के चार प्रखंड खगड़िया सदर, चौथम, गोगरी और परबत्ता में होगा नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम
खगड़िया।
माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच के लिए परबत्ता प्रखंड के सलारपुर और डुमरिया बुजुर्ग गांव में आज से नाइट ब्लड सर्वे का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सलारपुर गांव के वार्ड 9 में पेशे से शिक्षक ललन कुमार यादव के घर पर रैंडम साइट बनाया गया है। यहां 13, 14 और 15 दिसंबर को रात के 8 से 12 बजे के दौरान गांव की कुल जनसंख्या 1600 में से 300 सामान्य लोगों का ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच के लिए भेजा जाएगा।
इसी तरह से प्रखंड के डुमरिया बुजुर्ग गांव में मुखिया जी के घर पर सेंटिनल साइट बनाया गया है। यहां भी 13, 14 और 15 दिसंबर को रात के 8 से 12 बजे के दौरान गांव की कुल जनसंख्या 2000 में 300 सामान्य लोगों का ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच के लिए भेजा जाएगा। इस प्रकार से दोनों साइट रैंडम और सेंटिनल को मिलाकर कुल 600 सामान्य लोगों का ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच के लिए भेजा जाएगा।
जांच के दौरान लिए गए कुल 600 लोगों के ब्लड सैंपल में से 1% या उससे अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट आने पर पूरे प्रखंड क्षेत्र में आगामी 10 फरवरी से जिला में शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड के दौरान सभी लोगों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान दौरान 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है।
गोगरी प्रखंड के पसराहा और गौछारी गांव में 14 दिसंबर से आयोजित नाइट ब्लड सर्वे में 600 लोगों का लिया जाएगा ब्लड सैंपल : गोगरी प्रखंड में पसराहा गांव में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सेंटिनल साइट बनाया गया है। यहां के पंचायत भवन पसराहा, काली स्थान और रणबीर सिंह के घर पर 14, 15 और 16 दिसंबर को रात के 8 से 12 बजे के दौरान गांव की कुल जनसंख्या 6517 में माइक्रो फाइलेरिया रेट की जांच के लिए 300 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर भेजा जाएगा।
इसी प्रकार से प्रखंड के गौछारी गांव में रैंडम साइट बनाया गया है। यहां के पंचायत भवन गौछारी, कन्या विद्यालय और सामुदायिक भवन में 14, 15 और 16 दिसंबर को रात के 8 से 12 के दौरान गांव की कुल जनसंख्या 10,932 में 300 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया रेट जांच के लिए भेजा जाएगा। इस प्रकार से गोगरी प्रखंड में भी दोनों साइट को मिलाकर कुल 600 लोगों का ब्लड सैंपल माइक्रो फाइलेरिया रेट जांच के लिए भेजा जाएगा।
खुद को फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में लोग नाइट ब्लड सर्वे में करें भागीदारी – उक्त बातें डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ विजय कुमार ने नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आम लोगों से अपील करते हुए कही। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है।
इस बीमारी से व्यक्ति जीवनभर के लिए दिव्यांग की जिंदगी जीने को विवश हो सकता है। इस मच्छर के काटने के 5 से 10 साल के बाद ही फाइलेरिया का लक्षण देखने को मिलता है। इस दौरान यह रोग काफी बढ चुका होता है। इससे बचने का उपाय है कि प्रखंड के जिस किसी भी गांव में नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा वहां के 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अपना ब्लड सैंपल दें। ताकि उस प्रखंड का माइक्रो फाइलेरिया रेट का पता लगाकर कर वहां के सभी लोगों को एमडीए राउंड के दौरान आशा कार्यकर्ता के माध्यम से फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया जा सके। माइक्रो फाइलेरिया रेट जांच के लिए रात में ही ब्लड सैंपल लेने का मुख्य कारण यह कि रात में लोगों के शरीर में माइक्रो फाइलेरिया एक्टिव रहता है।