यूथ लीडर्स का प्लेटफॉर्म बनाएंगे हार्दिक

हार्दिक पटेल अब आगामी लोकसभा चुनावों में भी किस्मत आज़माने वाले हैं। हार्दिक पटेल ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया। हार्दिक पटेल गुजरात से हैं और वहां की राजनीति में उनकी भूमिका देखी जा चुकी है, लेकिन अब वो गुजरात से निकल कर यूपी पहुंच गए हैं। हार्दिक पटेल इन दिनों किसान क्रांति सेना के बैनर तले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक जागृति के लिए सभाएं कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंन यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे हुए सीतापुर में सभा की, वहीं शनिवार को कुशीनगर में जनसभा होगी।

राजनीतिक सभाओं के साथ ही वो सामाजिक आंदोलन से जुड़े लोगों से बातचीत कर रहे हैं। क्या वो 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? के सवाल पर उन्होंने कहा कि हां, मैं चुनाव लड़ सकता हूं। हार्दिक पटेल से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की बात पूछी गई तो, उन्होंने कहा ‘मां गंगा के करोड़ों पुत्र हैं। वह अपने दूसरे पुत्रों को भी बुला सकती हैं। दूसरा पुत्र भी गुजरात से हो सकता है। मैंने वाराणसी से चुनाव लड़ने के बारे में सोचा नहीं है लेकिन महागठबंधन ने प्रस्ताव किया तो चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे।’

यूपी में हार्दिक पटेल बाराबंकी, फैजाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में सभा कर लोगों को संबोधित करेंगे। इस दौरान बातचीत में हार्दिक पटेल ने महागठबंधन की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन हुआ तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की स्थिति खराब हो जाएगी और बहुमत में रहने वाली भाजपा सरकार 10 सीटों पर आकर सिमट जाएगी। यूपी में अगर सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोक दल और कांग्रेस का गठबंधन होता है तो भाजपा के लिए यहां कोई जगह नहीं बचेगी।

हार्दिक पटेल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को अपना दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमों मायावती से मुलाकात नहीं हुई, लेकिन फोन पर दो-तीन बार बात हुई है। हरियाणा में दुष्यंत चौटाला, राजस्थान में सचिन पायलट दोस्त हैं। हम चाहते हैं कि देश में युवा आगे आएं, तभी राजनीति सही हो सकती है। देशहित में युवा नेताओं का प्लेटफॉर्म तैयार करने की कोशिश करेंगे।

हार्दिक पटेल ने कहा कि वो, जिग्नेश मेवानी और कन्हैया कुमार देश भर में ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ रैली कर रहे हैं। फरवरी में लखनऊ में रैली के साथ ही विधान भवन तक पैदल मार्च किया जाएगा। पटना में भी ऐसी ही रैली की जाएगी।

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