नई दिल्ली।
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से पहले उपद्रवी और हुड़दंगी सौ बार बार सोचेंगे। विधि आयोग ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट और सुझाव भेजा है। यदि ये लागू हो जाता है तो जो उपद्रवी या दंगाई लोग दंगे फैलाकर, रास्ते रोककर, जी भरकर उपद्रव करते हैं और सार्वजनिक सम्पत्ति को तोड़फोड़ और आग लगाते हैं, उन्हें सौ बार सोचना पडेगा।
विधि आयोग का कहना है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान के बराबर धनराशि जमा कराई जाए, उसके बाद ही उन्हें जमानत दी जाए। विधि आयोग ने शुक्रवार 2 फरवरी को केंद्र सरकार को ये सुझाव दिया है। आयोग का कहना है कि इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने से बचाया जा सकेगा।
जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले आयोग ने सरकार को ये भी सुझाव दिया कि विरोध प्रदर्शनों करने के दौरान जानबूझकर सार्वजनिक स्थानों और सड़कों को लंबे समय अवरुद्ध करने, बाधित करने के मुद्दे से निपटने के लिए एक कानून बनाया जाए।
आयोग ने सिफारिश की है कि सार्वजनिक स्थानों पर रुकावट पैदा करने के खिलाफ या तो कानून बनाया जाए या फिर इससे निपटने के लिए संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता (IPC) या नए कानून भारतीय न्याय संहिता में इससे संबंधित एक विशेष प्रावधान लाया जाए।