हिमाचल में भारी बर्फबारी और बारिश होने से 4 नेशनल हाईवे समेत 470 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। अनेक स्थानों पर लोग फंसे हुए हैं और आवाजाही ठप्प हो गई है। हिमाचल में जनवरी का मौसम पिछले 17 वर्षों में सबसे ‘शुष्क’ रहा। राज्य में सामान्य बारिश 85.3 मिलीमीटर के मुकाबले 6.8 मिमी ही दर्ज हुई। इस तरह से देखें तो हिमाचल में बारिश में 92 फीसदी की कमी देखने को मिली। इससे पहले 1996 में 99.6 औ 2007 में 98.5 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले 6 दिन यानी 12 फरवरी तक राज्य में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है।
फरवरी के शुरुआती पांच दिन में प्रदेश में झमाझम बारिश और बर्फबारी से हालात बदल गए हैं। आलम यह है कि प्रदेश में फरवरी के शुरुआती पांच दिन में 409 फीसदी अधिक बारिश हुई है। हिमाचल के सिरमौर में सबसे अधिक 1341 फीसदी पानी बरसा है। किन्नौर में सबसे कम 72 फीसदी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि 1 से 5 फरवरी तक 11.4 एमएम बारिश को सामान्य माना गया है, लेकिन इस दौरान पांच सौ गुना अधिक बारिश हुई है। पांच दिन में पश्चिमी विक्षोभ में सक्रिय रहा है। सूबे में बिलासपुर में सामान्य से 836 फीसदी, चंबा में 179, हमीरपुर में 1325, कांगड़ा में 535, कुल्लू में 789, लाहौल-स्पीति में 197, मंडी में 1220, शिमला में 821, सोलन में 1139 और ऊना में 651 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई। मनाली सहित अन्य इलाकों में रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी भी हुई है। चार से पांच फीट के करीब बर्फ पांच दिन में गिरी है।
जुंगा रोड पर हुए भूस्खलन की घटना में बिहार के रहने वाले दो लोगों की मौत हो गई। जिन दो लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान राकेश और राजेश के रूप में हुई है।