विपक्षी नेताओं ने मोदी का विरोध करने के चक्कर में भगवान राम को भी नहीं छोड़ा

एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बताया था। राष्ट्रीय जनता दल के नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बनाया गया है। कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस के नेता केएन रंजन्ना भी राम मंदिर पर विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई तो मैं वहां गया था, उन्होंने एक तंबू में दो गुड़िया रखीं और उन्हें भगवान राम कहा। रामेंदु रॉय ने राम मंदिर को अपवित्र बता दिया। रामेंदु रॉय ने लोगों से राम मंदिर में पूजा ना करने की अपील तक कर डाली। DMK के सांसद ए राजा ने कहा कि उन्हें ना तो भगवान राम पर विश्वास है और ना ही रामायण पर और वे राम के शत्रु हैं।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विपक्ष के नेता एक के बाद एक भगवान राम पर विवादित बयान दे रहे हैं। ये नेता हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए मोदी का विरोध करने में लगे हुए हैं।

इससे पहले एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बताया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी। जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि राम हमारे हैं, बहुजनों के हैं। भगवान राम शिकार करके खाते थे. हम भी श्री राम के आदर्शों पर चल रहे हैं। राम को आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहारी खाना थोपा जा रहा है।

अब देखना है कि मोदी और भगवान राम का विरोध, उनको उल्टा सीधा बोलना, इन नेताओं को कुछ लाभ पहुंचाएगा या जनता इनकी नैय्या डुबोएगी ?

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