जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण
परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में सबसे कारगर और सुरक्षित है एमपीए सबकुटेनियस का साधन
शेखपुरा-
जिला के पांच स्वास्थ्य संस्थानों में अब तक कुल 1117 योग्य महिलाओं ने परिवार नियोजन के नए अस्थाई साधन के रूप में एमपीए सब कुटेनियस को अपनाया है। इस आशय कि जानकारी सोमवार को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा परिवार नियोजन के नए अस्थाई साधन एमपीए सब कुटेनियस के प्रति जागरूकता को ले आयोजित कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार ने कही। डॉक्टर कुमार ने बताया सदर अस्पताल शेखपुरा, रेफ़रल अस्पताल बरबीघा, एपीएचसी मालदह, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सामस एवं सर्वा में अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को एमपीए सब कुटेनियस कि सेवा दी जा रही है।
एमपीए सबकुटेनियस का कोई दुष्प्रभाव नहीं :
इस अवसर पर जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ .अशोक कुमार सिंह बताते हैं की पूरे जिले में अब तक कुल 1117 महिलाएं एमपीए सबकुटेनियस की सुविधा अपना चुकी हैं, जिसमें पहला, दूसरा डोज एवं तीसरा डोज शामिल है । उन्होंने बताया कि एमपीए सबकुटेनियस का इंजेक्शन परिवार नियोजन के अस्थाई साधन को अपनाने के लिए काफी कारगर और प्रभावी है। इसे अपनाने किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है । डॉ .सिंह ने बताया सोमवार को जिला के सभी प्रखंडो में कार्यरत (प्रभार को छोड़ कर) कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को एमपीए सब कुटेनियस से जुड़ी सभी तकनीकी पहलुओं से मास्टर ट्रेनर डाक्टर नूर फातिमा के द्वारा विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई ।
पायलट के लिए शेखपुरा एवं मुंगेर को चुना गया है :
जिला स्वास्थ्य प्रबंधक डॉ शंकर दयानिधि ने बताया को राज्य के दो जिले शेखपुरा एवं मुंगेर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एमपीए सबकुटेनियस की सेवा दी जा रही है ।.पर आगे संबव है ये जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में शुरू किया जाय इस लिहाज से ये प्रशिक्षण काफी महत्वपूर्ण हो जाता है ।
अन्य अस्थाई साधन के तुलना में आसन है एमपीए सबकुटेनियस :
सीएचओ को प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर रूप में मौजूद डॉक्टर नूर फातिमा ने बताया एमपी इंट्रा मस्कुलर कि तरह ही एमपीए सब कुटेनियस भी काम करता है। दोनों में ही मेडॉक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसिटेट होता है। सब कुटेनियस में इंट्रा मस्कुलर कि तुलना में कम दवा होता है और यह प्री लोडेड होता है इसलिए इसे कहीं भी लाने ले जाने में कोई असुविधा नहीं होती है। इसको लाभार्थी को लगाना भी काफी सुविधाजनक होता है। इंट्रा मस्कुलर को जहां मांसपेशियों में दिया जाता है वहीं सब कुटेनियस को त्वचा के नीचे दिया जाता है। इसका निडिल भी छोटा होता है जिससे लाभार्थी को कोई परेशानी नहीं होती है।
इस मौके पर डीसीएम शुभम कुमार,प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक प्रभास पांडेय,पीएसआई इंडिया के जिला प्रतिनिधि मनीष भारद्वाज, एफ पी सी प्रेम रंजन सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।