जेलों में अंग्रेजी कानून से मुक्ति मिलेगी और कैदियों को दंड से ज्यादा उनके सुधार पर जोर दिया जाएगा

राँची।

जेलों में अंग्रेजी कानून से मुक्ति मिलेगी और कैदियों को दंड से ज्यादा उनके सुधार पर जोर दिया जाएगा। अब विधिवत कानून बनाकर उसे लागू करने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसी उद्देश्य से झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 तैयार किया गया है, जिसे शुक्रवार को झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 मई 2023 को एक अर्द्धसरकारी पत्र जारी करते हुए राज्यों को ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएंडडी) से तैयार माडल कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2023 का प्रारूप भेजा था। यह भी लिखा था कि राज्य अपनी परिस्थितियों के अनुसार एक्ट में सुधार कर सकते हैं। इसके बाद ही झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 तैयार हुआ है।

दंड की अवधारणा में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कारा जो पहले दंडात्मक संस्था थी तथा दंड की प्रकृति थी, अब दंड की प्रकृति सुधारात्मक हो गई है। कारा को सुधारात्मक संस्था के तौर पर देखा जाता है।

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