योग और प्राणायाम थायरॉइड को नियंत्रित करने में अत्यधिक सहायक

योग और प्राणायाम थायरॉइड को नियंत्रित करने में अत्यधिक सहायक होता है। विशेष रूप से सर्वांगासन और मत्स्यासन जैसे आसन थायराइड ग्रंथि पर सीधा प्रभाव डालते हैं। थायराइड के मरीजों को आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। समुद्री पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अंडे ज़ दूध, हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को अपने आहार में शामिल करें।

देशी नुस्खे थायराइड की ग्रंथि को प्राकृतिक रूप से संतुलित करने में मदद करते हैं। इनमें मौजूद जड़ी-बूटियां और तत्व शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखते हैं और थायराइड के असामान्य स्तर को नियंत्रित करते हैं।

★ खाने में नारियल तेल का इस्तेमाल थायराइड की समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

★ अदरक की चाय पीने से थायराइड की समस्याओं में सुधार देखा जा सकता है। यह थायरॉइड ग्रंथि की सूजन कम करने में मदद करता है।

★ थायराइड की समस्या के लिए धनिया का पानी एक बेहतरीन देशी नुस्खा है।

★ एक चम्मच धनिया के बीजों को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पी लें। लगातार 15 दिनों तक ऐसा करने से थायराइड के लक्षणों में कमी आ सकती है।

★एक चम्मच त्रिफला रात को सोने से गुनगुने पानी के साथ लेने से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है।

★  अश्वगंधा प्रतिदिन 500 मिलीग्राम का सेवन करने से थायराइड की समस्या में सुधार देखा जा सकता है।

ये सभी नुस्खे आयुर्वेदिक तथा आजमाए हुए हैं लेकिन अलग अलग व्यक्ति का शरीर अलग अलग प्रतिक्रिया देता है। अतः कोई भी नुस्खा आजमाने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

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