कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुनर्वास केंद्र

– जिले के पुनर्वास केंद्र में अभी भर्ती हैं 10 बच्चे
– यहां कुपोषित बच्चों के खानपान व देखभाल की रहती हैं विशेष सुविधाएं
– एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार नाटापन के प्रतिशत में आई है कमी

लखीसराय।

जिले भर के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा से काफी सतर्क है। इसको लेकर कुपोषण की स्थिति से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास र्केंद्र की स्थापना की गई है।

सिविल सर्जन डॉ. बीपी सिन्हा बताते हैं की लखीसराय जिले में बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है।

डॉ. सिन्हा ने बताया कि एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में बच्चों के नाटापन के प्रतिशत में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि एनएफएचएस 4 के आंकड़ों के अनुसार जिले में 50.6 प्रतिशत बच्चे नाटापन के शिकार थे जो अब एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार घटकर 42.7 प्रतिशत रह गया है। अभी इस दिशा में में हम सभी को अभी बहुत ही कार्य करना है जिसके लिए आशा एवं आगाँवाड़ी को साफ निर्देश दिया गया है की अपने – अपने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान कुपोषित बच्चे की पहचान कर अपने नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जानकरी दें एवं कुपोषित बच्चे के माता -पिता के साथ जागरूक भी करें ।साथ अगर जरुरत पड़े तो बच्चे को सदर अस्पताल में स्थित पुनर्वास केंद्र तक ले जाने में मदद भी करें .

पुनर्वास केंद्र में बच्चों का रखा जाता है विशेष ख्याल :
डीपीसी सुनील कुमार ने बताया की पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को डाक्टर की सलाह के अनुसार ही उनके खान- पान का विशेष ख्याल रखा जाता है। जिले के पुनर्वास केंद्र में अभी 10 बच्चे हैं जिनका उचित सलाह के अनुसार इलाज किया जा रहा है। यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते तो वैसे बच्चों को 21 दिन तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है।
पुनर्वास केंद्र में भर्ती हुए बच्चे,वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही डिस्चार्ज किए जाते हैं । पोषण पुर्नवास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती हैं।
डीपीसी बताते हैं की बच्चा डिस्चार्ज होने के बाद हर 15 दिन के बाद पोषण पुनर्वास केंद्र में जाँच हेतु अपने माता -पिता के साथ आना पड़ता है जिसमें आशा भी उनकी सहायता करती है। साथ ही लाभार्थी के माता -पिता को अलग से प्रत्येक दिन के लिए 100 रुपए प्र्तोत्साहन के रूप में दिया जाता है ।

पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती होने के लिए तय किए गए है ये मानक :
कुपोषण के शिकार बच्चे को एनआरसी में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत बच्चों की विशेष जांच जैसे उनका वजन व बांह आदि का माप किया जाता है। इसके साथ हीं छह माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बांई भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन न बढ़ता हो वो कुपोषित माने जाते हैं। वैसे बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पीटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।

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