नई दिल्ली।
मॉरीशस को ‘संपूर्ण आजादी’ दिलाने में भारत की बड़ी भूमिका, ब्रिटेन ने डिएगो गार्सिया सहित चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने की घोषणा कर दी है। कुछ घंटे पहले इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को लेकर ऐतिहासिक समझौता हुआ है। ब्रिटेन ने डिएगो गार्सिया सहित चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने की घोषणा कर दी है। कुछ ही लोगों को पता होगा कि मॉरीशस को ‘संपूर्ण आजादी’ दिलाने में भारत की बड़ी भूमिका रही है।
मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं। बताते हैं कि करीब 70 फीसदी भारतीय मूल के लोग यहां रहते हैं। भारत को आजादी मिलने के करीब 21 साल बाद मॉरीशस को ब्रिटेन से आजादी मिली थी। हालांकि ब्रिटेन ने चागोस द्वीप समूह को नहीं छोड़ा। अगले कुछ सालों में अंग्रेजों ने वहां के स्थानीय लोगों को भी भगा दिया। बाद में अमेरिका से डील कर ली। मामला अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में गया और मॉरीशस के पक्ष में फैसला आयाअब जाकर ब्रिटेन इलाका छोड़ने को राजी हुआ है।
मॉरिशस को चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता का ऐतिहासिक हस्तांतरण दिलाने में भारत ने चुपचाप बड़ी भूमिका निभाई। भारत ने यूके से बातचीत के दौरान उपनिवेशवाद के ‘अंतिम अवशेषों’ को खत्म करने की जरूरत को पूरी दृढ़ता से रखा था। ब्रिटेन और मॉरीशस की तरफ से जो संयुक्त बयान जारी हुआ है, उसमें भी नई दिल्ली की भूमिका को स्वीकार किया गया है।