कानपुर।
15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आज मण्डलायुक्त, कानपुर मंडल के. विजयेन्द्र पांडियन द्वारा सिविल लाइन्स स्थित कार्यालय में समस्त अपर आयुक्तों व अधीनस्थ कर्मचारियों को मतदाता जागरूकता से सम्बन्धित शपथ दिलाई गई।
मण्डलायुक्त महोदय ने कहा कि आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो हमारे विकास के लिए राष्ट्र को दुनिया में आगे ले जाने के लिए एक प्रण दिलाता है कि हम कैसे देश को आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आप किस प्रकार का जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं ,जो विश्व में हमारे देश को स्थापित कर सके इसलिए निर्वाचन आयोग 2011 से 25 जनवरी को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि और इस समय इसका लोगो (प्रतीक चिन्ह) है कि “मतदान से बढ़कर कुछ भी नहीं , मतदान अवश्य करेंगे हम” इसी परिकल्पना को लेकर प्रत्येक बूथ पर यदि कोई मतदाता बनने से छूट गया है तो उसका भी नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाए। मण्डलायुक्त ने कहा कि महिलाएं मतदाता सूची में काफी पीछे चल रहे हैं उनको और तीव्रगति से मतदाता सूची में जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत का है जहां पर वर्तमान में 100 करोड़ मतदाता हो गए हैं और इसमें 29 करोड़ युवा मतदाता हैं इसलिए इसको और गंभीरता से लिया जा रहा है कि युवाओं को इस बारे में जरूर शिक्षित करने की आवश्यकता है कि मतदान करना है और मतदान करने के लिए शपथ लेना है और इसमें शपथ लेते हैं कि हम जाति धर्म भाषा और किसी प्रलोभन से ऊपर उठकर मतदान करेंगे और यह शपथ इसलिए लिया जाता है कि हम ऐसे व्यक्ति का चुनाव करें जिसके लिए आजादी के समय में हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने त्याग किया उस त्याग की प्रतिपूर्ति के लिए, उनका सम्मान करने के लिए इस देश को आगे ले जाएं।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था ही ऐसी व्यवस्था है, जो प्रत्येक व्यक्ति के हितों के बारे में विचार करती है इसी को दृष्टिगत रखते हुए हमारे संविधान की स्थापना हुई, एक लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना हुई, निर्वाचन प्रक्रिया की स्थापना हुई। 18 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार प्रदान किया गया। यह सभी व्यवस्थाएं हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान ने मतदान करने की जो शक्ति दी है प्रत्येक मतदाता के हितों की चिंता करने का व्यवस्था करता है, तो वह लोकतांत्रिक व्यवस्था ही है इसमें किसी भी मतदाता को अपेक्षित नहीं किया जाता है और आपके पास प्रति 05 वर्ष में मतदान करने का अधिकार है ।
उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं यदि युवा ही अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे तो वह अपने अधिकारों को कैसे जान पाएंगे। उन्होंने कहा कि आपके लिए कैसी नीतियां बनेगी क्या अधिकार आपको मिलेंगे , यह सभी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आपके मतदान पर निर्भर करती है।