माला-एन, छाया व आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली की खपत में लगातार वृद्धि

 

* अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों पर महिलाओं का बढ़ा भरोसा
* लाभुकों के बीच इन साधनों का किया जाता है मुफ्त वितरण

पटना-

शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. महिलाएं अभी भी अपने परिवार को सीमित रखने की धुरी हैं. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र तक गर्भनिरोधक साधनों की सेवा निशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है. महिलाओं में अपने बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए गर्भनिरोधक गोली अभी भी पहली पसंद है और इनके इस्तेमाल में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. माला-एन, छाया एवं आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली की खपत में दुगुनी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है.
जनसंख्या स्थिरीकरण सरकार की प्राथमिकता
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ. ए. के. शाही ने बताया कि महिलाओं के लिए उपलब्ध परिवार नियोजन के साधनों में गर्भनिरोधक गोली सबसे सरल साधन है जिससे महिलाएं बच्चों के बीच मनचाहा अंतर रख सकती हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को स्थिर करने के लिए राज्य सरकार सजग है. इसके लिए परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों को स्वास्थ्य संस्थानों पर निशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने बताया कि आमजन के बीच विभिन्न माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाता है.
पुरुषों के लिए कंडोम बेहतर विकल्प
एम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. मोनिका अनंत बताती हैं कि अपने परिवार को सीमित करने एवं बच्चों में अंतर रखने की जिम्मेदारी अकेले महिलाओं की नहीं है. इसके लिए पुरुषों को भी आगे आने की जरुरत है ताकि वह भी अपने परिवार को छोटा रखने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें. पुरुषों के लिए कंडोम परिवार में बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए सुगम साधन है.

वर्ष माला-एन छाया आपातकालीन गोली
2019-20 1119293 444838 307193
2020-21 1188180 567780 329659
2021-22 1379747 782487 401429
2022-23 2403739 1659689 803446
2023-24 2622332 2075417 836886
2024-25 3028445 2464870 926079
(जनवरी 2025 तक)

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