आज लोक विचार मंच के बैनर तले बुद्धिजीवी वर्ग की बैठक पूर्वी दिल्ली, मयूर विहार फेस 2 में प्रदेश अध्यक्ष जसवंत राय अग्रवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें आए सैकड़ों समाज सेवकों ने भाग लिया। इस सभा में निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रस्ताव पास किए गए।
1. हम भारत के लोग मांग करते है कि दिल्ली में शाहीन बाग सहित सीएए पर विरोध प्रदर्शनकारियों को सरकार व प्रशासन 27 फरवरी तक सड़क से हटाये।
2. दिल्ली में सीएए के विरोध में जिन्होंने अराजकता फैलाई या सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किया है उन्हे अविलंब बन्दी बनाकर बन्दीगृह में भेजा जाय। उन्हे कडी सजा दी जाय।
3. दिल्ली के शाहीन बाग का मार्ग अविलंब खोला जाए क्योंकि छात्र, एंबुलेंस, नौकरी पेशा लोग, उधर से आने जाने वाले व्यापारी, सभी को बहुत परेशानी हो रही है। यहां के आसपास के क्षेत्र में जनता बूरी तरह प्रभावित है उनके कामकाज में बाधा हो रही है। यह अराजक तत्व वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन्हें यह भी नहीं मालूम कि यह यहां क्यों पड़े हैं? ये चाहते क्या है। आस पास की जनता काफी डरी हुई है।
4. आज दिल्ली के कई क्षेत्रों में अराजक लोगों के द्वारा पथराव भी किया गया है इसलिये अब भारत के लोगों की संवेदनाएं जवाब देने लगी हैं। हमारा धैर्य टूटने लगा है और हम एक सच्चा भारतीय होने के नाते अब अपना फर्ज निभाना चाहते हैं।
5. दिल्ली के शाहीन बाग में आंदोलन करने वालों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। क्योंकि ये राष्ट्र विरोधी ताकतो का षडयंत्र है। उनके उकसाने पर ही वहां भारत विरोधी नारे लगे, देश के प्रधान सेवक के खिलाफ अपशब्द, पाकिस्तान जिंदाबाद, जिन्ना जैसी आजादी मांगने वालों ने खूब राष्ट्र विरोधी नारे लगाए हैं। इन सब देशद्रोहियों पर मुकदमा चलाया जाए इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलें।
6. इसी तर्ज पर पूरी दिल्ली में अनैतिक असंवैधानिक, अनभिज्ञता से भरपूर जबरदस्ती के आंदोलन किए जा रहे हैं। प्रदर्शन किए जा रहे हैं इन लोगों को कुछ नहीं मालूम है इनके पीछे एक षड्यंत्र काम कर रहा है। दिल्ली को बंधक बनाने का षडयंत्र रचा गया है, क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बोलने की आजादी, अभिव्यक्ति की आजादी व प्रदर्शन का अधिकार देने के बाद लोगों के हौसले बढ़े है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय अविलंब स्वयं दखल देकर इन्हें हटाए।
उपरोक्त बिंदुओं पर भारत के जागरूक नागरिकों ने आज निर्णय लिया कि हम सब मिलकर भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि भारत सरकार इस विषय को संज्ञान ले। इसी दिल्ली में पिछले दिनों पिछली सरकार ने स्वामी रामदेव के आंदोलन को केवल 12 घंटे में रात को बच्चों पर महिलाओं पर लाठियां बरसा कर देशहित में हो रहा एक मैदान का आंदोलन समाप्त किया था। लेकिन आज केंद्र सरकार 70 दिन बाद भी ऐसे घटिया आंदोलन को जो देशद्रोह के लिए किया जा रहा है जो देश के टुकड़ों के लिए किया जा रहा है। जिसमें देश विरोधी ताकतें देश विरोधी शक्तियां शामिल है जिसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है। तो केंद्र सरकार इसको क्यों नहीं समाप्त कर रही है? सुप्रीम कोर्ट माननीय सर्वोच्च न्यायालय इस पर क्यों कुछ नहीं कर रहा है इस तरीके से सड़के रोकना बिल्कुल मानवता के विरुद्ध है। 1 दिन का प्रयोग हो दो दिन का हो तब भी ठीक है, लेकिन यह तो 70 दिन से लगातार चल रहा है। क्षेत्रवासी परेशान, दिल्ली परेशान कोई सुनने को तैयार नहीं।
आज की इस बैठक में भारत के बुद्धिजीवियों ने भारत के नागरिकों ने विभिन्न संस्थाओं के द्वारा यह निर्णय लिया कि अगर 27 फरवरी 2020 तक शाहीन बाग के आंदोलनकारी जो इसी तरह के दिल्ली भर में अराजक तत्व जगह जगह पर बैठे हैं। अगर सभी को नहीं हटाया गया तो 28 तारीख को एनएच-24 पर आंदोलन किया जाएगा और इस आंदोलन से होने वाले लाभ हानि का उत्तरदायित्व भारत सरकार, दिल्ली सरकार और सर्वोच्च न्यायालय का होगा लोगों को देशहित में कठिनाई होगी उसके लिए हम लोगों से अग्रिम क्षमा याचना करते हैं। लेकिन यह मजबूरी बन चुकी है।
या तो उनको भी हटाया जाए नहीं तो हमको भी सड़क को रोकने का अधिकार मिले अपनी अभिव्यक्ति हम भारत माता के लिए, भारत की रक्षा के लिए, भारतीय संविधान की रक्षा के लिए सड़कों पर है। वह भारत को तोड़ने के लिए भारत के टुकड़े करने के लिए सड़कों पर है तो हमारा अधिकार पहला है और हम नहीं चाहते कि किसी भी तरह का कोई व्यवधान किसी को भी हो लेकिन हमारी मजबूरी बन गई है। 70 दिन के धैर्य के बाद आज हमारा धैर्य उत्तर दे रहा है और अब हमको यह करना ही होगा।
सभी देश प्रेमी भाइयों बहनों से निवेदन है कि भारत माता की रक्षा के लिए आगे आये।
सभी संगठनों के अधिकारियों ने मिलकर आवाहन किया है कि भारयीय संविधान की रक्षार्थ, देश की सुरक्षा के लिए, अराजक तत्वों से मुक्ति हेतु , सावधान होने के लिए कृपया सभी लोग एनएच-24, मयूर विहार के सामने, गाजीपुर के पास 28 तारीख को 11:00 बजे एकत्रित होकर अपने राष्ट्र की सच्ची सेवा व सुरक्षा का संकल्प लें।
धन्यवाद!
निवेदक:
लोक विचार मंच एवं सभी सहयोगी संगठन।