चीन का कोरोना खेल – आशीष गुप्ता

[3/26, 8:41 AM] आशीष: क्या ख़ूब खेला … चीन

SCENE I
पर्दा खुलता है: चीन बीमार हो जाता है, एक “संकट” में प्रवेश करता है और अपने व्यापार को पंगु बना देता है। पर्दा बंद हो जाता है।

SCENE II
पर्दा खुलता है: चीनी मुद्रा का अवमूल्यन होता है। वे कुछ नहीं करते। पर्दा बंद हो जाता है।

SCENE III
” पर्दा खुलता है :: यूरोप और अमरीका की कंपनियों के व्यापार में कमी के कारण जो चीन में स्थित हैं, उनके शेयरों में उनके मूल्य का 40% हिस्सा है।

SCENE IV।
पर्दा खोलता है :: दुनिया बीमार है, चीन यूरोप और अमेरिका में कंपनियों के 30% शेयर बहुत कम कीमत पर खरीदता है। पर्दा बंद हो जाता है।

SCENE V.
पर्दा खोलता है: चीन इस बीमारी को नियंत्रित करता है और और अब जिन यूरोप और अमेरिका में स्थित कंपनियों का मालिक चीन है उनके लिये वह तय करता है कि ये कंपनियां चीन में रहेंगी और यकायक चीन 20,000 बिलियन $ कमा लेता है । पर्दा बंद हो जाता है।
कैसा रहा अब तक का खेल?

SCENE VI:

शह और मात!

फिर से देखना लेकिन सच है
कल और आज के बीच दो वीडियो वाइरल हुए हैं, जिनसे मुझे कुछ संदेह हुआ, लेकिन इसके लिए कोई ठोस आधार नहीं था। यह सिर्फ मेरी अटकल थी, किन्तु अब मुझे विश्वास है कि कोरोनोवायरस का जानबूझकर स्वयं चीन द्वारा प्रचारित किया गया था। वो तो पहले से ही तैयार थे।
कोरोना का रोल शुरू होने के तीन हफ्ते बाद, 14 दिन में 12,000 बिस्तर वाले अस्पताल का निर्माण कर लिया।

बहुत बढ़िया।

कल उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने महामारी को रोक दिया है। वे जश्न मनाते हुए वीडियो में दिखाई देते हैं, वे घोषणा करते हैं कि उनके पास एक टीका भी है। किसी भी वाइरस की सभी आनुवंशिक जानकारी के बिना वे इसे इतनी जल्दी कैसे बना सकते हैं?
वैसे अगर आप ही “सूत्र” के जनक हैं तो यह बिल्कुल मुश्किल नहीं है।

और आज मैंने एक वीडियो देखा जो बताता है कि कैसे डेन जिओ पिंग ने पश्चिम को एक लोलीपोप दिया। कोरोनावायरस के कारण, चीन में पश्चिमी कंपनियों की कार्रवाई नाटकीय रूप से गिर गई। चीन ने उनको तब ख़रीदा जब वे काफी नीचे चले गई।
अब चीन, अमेरिका और यूरोप द्वारा बनाई गई चीन में इन एक्सचेंजों और उनकी पूंजी द्वारा चीन के हाथों में पारित की गई सभी प्रौद्योगिकी के साथ बनाया गया है, उनका मालिक अब चीन है जो अब सभी तकनीकी क्षमता के साथ बढ़ रहा है और कीमतों को निर्धारित करने में सक्षम होगा तथा पश्चिम को अपनी जरूरत की हर चीज के लिये चीन की और देखना पड़ेगा ।

हेलो क्या हाल है?

इसमें से कोई भी संयोग से नहीं हो सकता था। चीन क्या परवाह करता है कि उसके कुछ बूढ़े मर गए? या कम उम्र के लोगों को भुगतान करने के लिए पेंशन देनी पड़ेगी, उसकी लूट बहुत बड़ी है, बहुत बड़ी …। और अब जबकि पूरा पश्चिम आर्थिक रूप से पराजित है, संकट में और बीमारी से स्तब्ध। और उसे नही पता आगे क्या करना है

एक उत्कृष्ट पैशाचिक घटना जो कम्युनिस्ट ही कर सकते है, | नई व पुरानी कंपनियो को जोड़कर, अब चीन 1.18 ट्रिलियन होल्डिंग वाले जापान को पीछे छोड कर अमेरिकी खजाने के सबसे बड़े मालिक हैं।

एक संभावित सादृश्य…

कैसे सम्भव हैं कि रूस और उत्तर कोरिया में COVID 19 की घटनायें बहुत ही कम है लगभग शून्य घटनायें …
क्या इसलिए कि वे चीन के कट्टर सहयोगी हैं दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका / दक्षिण कोरिया / यूनाइटेड किंगडम / फ्रांस / इटली / स्पेन और एशिया गंभीर रूप से प्रभावित हैं, कैसे?
अच्छा वुहान अचानक घातक वायरस से कैसे मुक्त हो गया चीन का कहना है कि उनके द्वारा उठाए गए कठोर शुरुआती उपाय बहुत कठोर थे और वुहान को अन्य क्षेत्रों में फैलाने के लिए बंद कर दिया गया था बीजिंग क्यों नही संक्रमित हुआ ? केवल वुहान ही क्यों? यह विचार करना दिलचस्प है .. ?

खैर .. वुहान अब व्यापार के लिए खुला है।

COVID 19 को व्यापार युद्ध में यूएसए द्वारा चीन की बांह मोड़ने की पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए अमेरिका और उपर्युक्त सभी देश आर्थिक रूप से अब तबाह हैं जल्द ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था चीन की योजना के अनुसार ढह जाएगी। चीन जानता है कि वह अमेरिका को सैन्य रूप से नहीं हरा सकता क्योंकि अमरीका वर्तमान में दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश है। तो वायरस का उपयोग करें … अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने के लिए और राष्ट्र और इसकी रक्षा क्षमताओं को पंगु बना दें।

मुझे यकीन है कि नैन्सी पेलोसी को इसमें एक हिस्सा मिला …. ट्रम्प को पछाड़ने के लिए …। हाल ही में राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा से यह बताते रहे हैं कि कैसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था सभी मोर्चों पर सुधार कर रही थी और नौकरियां संयुक्त राज्य अमेरिका में वापस आ रही थीं। AMERICA GREAT AGAIN बनाने की उनकी दृष्टि को नष्ट करने का एकमात्र तरीका एक ECONOMIC HAVOC है। नैन्सी पेलोसी महाभियोग के माध्यम से ट्रम्प को नीचे लाने में असमर्थ थी ….. इसलिए चीन के साथ मिलकर एक वायरस जारी करके ट्रम्प को नष्ट कर दिया।

वुहान की महामारी एक प्रदर्शन थी। वायरस की महामारी के चरम पर …. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग … उन प्रभावी क्षेत्रों का दौरा करने के लिए बस एक साधारण RM 1 फेसमास्क पहन कर चले गये। राष्ट्रपति के रूप में उन्हें सिर से पैर तक ढंका जाना चाहिए था … लेकिन ऐसा नहीं था। वायरस से किसी भी तरह के नुकसान का विरोध करने के लिए उसे पहले ही इंजेक्शन लगाया गया था। इसका मतलब है कि वायरस के निकलने से पहले ही उसका इलाज चल रहा था चीन का नजरिया गंभीर ECONOMIC COLLAPSE के कगार पर बैठे देशों से अब स्टॉक खरीदने से विश्व अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने का है ….. बाद में चीन घोषणा करेगा कि उनके मेडिकल शोधकर्ताओं ने वायरस को नष्ट करने का इलाज ढूंढ लिया है अब चीन सभी पश्चिमी गठबंधनों के शेयरों को छोड़ देगा और ये देश जल्द ही अपने नए मास्टर ….. चीन के गुलाम हो जाएंगे
साभार……
[3/26, 8:41 AM] आशीष: कृपया ध्यान दे..
वुहान से शंघाई = 839 km
वुहान से बीजिंग = 1152 km
वुहान से मिलान = 15000 km
वुहान से न्यूयॉर्क = 15000 km
वुहान से ईटली= 8695km
वुहान से भारत= 3695 km
वुहान से ईरान = 5667 km
पास के बीजिंग/शंघाई में कोरोना का कोई प्रभाव नहीं
लेकिन इटली,ईरान,यूरोप देशों में लोगों की मृत्यु और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बर्बाद
*चीन के सभी व्यापारिक क्षेत्र सुरक्षित*
कुछ तो गड़बड़ है।
अमेरिका ऐसे ही नही चीन को दोष दे रहा।

चीन को 10 कड़े सवाल : (सवाल नं 6,7,8,9 अवश्य पढ़ें)

1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी?

2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में क्यों छुपाया?

3) कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?

4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?

5) दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया?

6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में “बीझिंग (चीन)” में क्या कर रहे थे ….. ?????? (प्लान फिक्सिंग कर रहे थे क्या?)

7) “किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है” ….ऐसा ट्वीट 11 जनवरी तक WHO करता रहा । क्यों ??? आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है… तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला ????

8) वुहान से एकसाथ 50,00,000 लोगों को बिना मेडिकल जांच किए “दुनिया के अलग-अलग हिस्से में” क्यों भेजा गया ..???

9) इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एकाएक चीनी ‘हम चीनी हैं वायरस नहीं, हमें गले लगाइए।’ प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल ‘सिटी ऑफ लव’ के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे ???

10) पूरी दुनिया आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और ताज्जुब देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह महज संयोग है?

11) और इसके अगले ही दिन भारत में चीन के राजदूत ट्वीट कर उम्मीद करते हैं कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसकी पैरवी करे। आखिर क्यों? नेहरू की एक गलती का खामियाजा हम भुगत चुके हैं। यह मोदी सरकार है, और उम्मीद है वह कम से कम वह गलती तो नहीं ही दोहराएगी?

12) सार्क से लेकर G-20 तक की बैठक पीएम मोदी के कहने पर हो रही है‌। संकट के समय भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका तक जब कैरोना से निबटने में असफल हो रहे हैं तो पीएम मोदी की पहल पर भारत इससे कहीं बेहतर तरीके से डील कर रहा है।

चीन इसी का फायदा उठाकर यह चाहता है कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसके अछूतपन को दूर करे। अब यह नहीं होगा। चीन संदेह के घेरे में है और रहेगा!

 

संकलनकर्ता

आशीष गुप्ता

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