दलित और आदिवासी टोलों में राशन पहुंचाने का काम रहा है यह किसान

अब तक 150 परिवारों तक पहुंचा चुके हैं राशन

बटोही देते हैं कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में भी जानकारी

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के साथ स्वयंसेवक के रूप में हैं जुड़े हुए

 

लखीसराय, 5 मई:

 

एक किसान के लिए यह गर्व की बात होती है जब वह लोगों के लिए अनाज उपजाता है. लेकिन यह तब और भी फर्ख़ की बात हो जाती है जब वह संकट के समय में जरूरतमंदों तक उपजे अनाज को पहुंचाने का काम भी करता है. जी हां..हम बात कर रहे हैं इस जिले के एक किसान बटोही यादव की, जो ना सिर्फ अनाज उपजाने का काम करता है बल्कि आज जरूरतमंदों के बीच दूसरों की सहायता से अनाज पहुंचाने का काम भी कर रहा है.

 

बटोही यादव लखीसराय जिला के सुर्यगढ़ा प्रखंड के रहने वाले हैं. हालांकि वे एक सीमांत किसान हैं लेकिन जिले में वे एक समाजसेवी के रूप में लोगों के बीच पसंद किये जाते हैं. इसके साथ ही विधिक स्वयं सेवक यानी पारा लीगल वौलेंटियर के रूप में लोगों को कानून संबंधी परामर्श व आवश्यक सेवा मुहैया कराते हैं.

 

लॉकडाउन में दलित व आदिवासी टोलों में पहुंचा रहे राशन: 

वे बताते हैं कि बीते एक माह से कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण उनकी रोजाना की दिनचर्या बिल्कुल बदल चुकी है. ऐसे हालात में जहां लोग बाहर के राज्यों में फंसे हुए हैं, वहीं जिला में भी लोग घर से बाहर निकल पाने में असक्षम हैं. विशेषकर रोजाना मजदूरी करने वाले लोग बहुत अधिक संकट का सामना कर रहे हैं. रोजगार नहीं होने के कारण उनके साथ भोजन की समस्या विशेष रूप से है. ऐसे लोगों को भोजन उपलबध कराना एक जरूरी कार्य में शामिल करते हुए उन्हें राशन मुहैया कराने की सोची और लोगों की मदद मांगना प्रारंभ किया.

जिला के सुदूरवर्ती गांवों में जाकर दलित, महादलित व आदिवासी टोलों में राशन का वितरण करना बहुत जरूरी हो गया था. इन टोलों में पाया कि बड़ी संख्या में गरीब वृद्ध व विकलांग सहित महिलाएं व बच्चे हैं जो दाने दाने का मोहताज हैं. इनकी जरूरत को देखते हुए कई गांवों के किसानों से चावल, गेहूं जैसी सामग्रियों की मांग की. लोगों ने सहर्ष इसे स्वीकार कर चंदा के रूप में ये सामग्रियां देना प्रारंभ कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने अन्य आवश्यक वस्तुएं जैसे आलू, प्याज, नमक, तेल व मसाले सहित बच्चों के लिए पाउडर दूर आदि की भी व्यवस्था की. इसके लिए कई लोगों से पैसे के तौर पर सहायता भी मिली.

 

अब तक 150 परिवारों तक पहुंचा चुके हैं राशन:

बटोही बताते हैं कि जिला के सभी प्रखंडों में दो दर्जन से भी अधिक गांवों में सहायता पहुंचाने का कार्य किया जा चुका है. कई आदिवासी गांवों जैसे बकुड़ा, बड़मसिया, दुधम, हनुमानथान,बरारे मुसहरी, सहित मुस्लिम टोला बालगुदर आदि में भी स्वयं जाकर लोगों को राशन पहुंचाने का काम किया है. साथ ही उनकी इस पहल को पंजाब नेशनल बैंक तिलकपुर ब्रांच के बैंककर्मियों ने भी काफी सराहा ओर पच्चास लोगों के बीच राशन सामग्री वितरण के लिए सहयोग दिया. अब तक 150 परिवारों को राशन का लाभ पहुंचाया जा सका है.

 

 

लोगों को दे रहें हैं संक्रमण की रोकथाम की जानकारी:

बटोही विभिन्न पंचायतों के दलित व आदिवासी टोलों में राशन वितरण के दौरान लोगों को मास्क भी देते हैं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी सुरक्षात्मक उपायों के बारे में बताते हैं. साथ ही लोगों से इसे नियमित अपनाने के लिए भी कहते हैं. वो बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लोग स्वच्छता के विषय में बहुत बात नहीं करते हैं. ऐसे में यह जानकार लोगों का दायित्व बनता है कि वे इसकी जानकारी उन लोगों तक साझा करें

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