जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं को मिल रही मदद
लखीसराय / 4 जुन :
हम सब अभी जिस माहौल मे जी रहे हैं उसमे एक ही बात की चर्चा विशेष है और वह है कोविड 19 और उससे सुरक्षा. इस संकटकाल में जब हम इस रोग से निजात पाने के उपाय अपना रहे हैं, हमें दूसरी स्वास्थ्य मुद्दों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कोविड 19 के इस माहौल में भी संस्थागत प्रसव और सुरक्षित मातृत्व जैसे मामलों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. संस्थागत प्रसव के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर संभव आवश्यक जानकारियां व सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.
संस्थातगत प्रसव संबंधी सुविधाओं के विषय में जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी का कहना है कि सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना जरूरी है. क्योंकि संस्थागत प्रसव की मदद से ही अस्पताल में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मी के देख –रेख में गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया जा सकता है. साथ ही किसी भी आपात स्थिति जैसे रक्त की अल्पता या एस्पेक्सिया जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है. अस्पतालों में मातृ एवं शिशु सुरक्षा के लिए सारी सुविधाएं हमेशा उपलब्ध रहती हैं. साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना का भी लाभ गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया जा रहा है.
मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए संस्थागत प्रसव जरूरी:
प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए संस्थागत प्रसव बहुत जरुरी है. खासकर ग्रामीण इलाकों की गर्भवती महिलाओं के लिए गृह प्रसव की जगह संस्थागत प्रसव पर बल देने की जरूरत है. इसके लिए आशाओं के द्वारा उन्हें इसके फायदों के बारे में भी उचित जानकारी प्रदान की जा रही है. संस्थागत प्रसव के द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाई जा सकती है.
संस्थागत प्रसव के दी जा रही प्रोत्साहन राशि:
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार के गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है. जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रूपए एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपए दिए जाते हैं. साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशाओं को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रूपए आशाओं को दिए जाते हैं. इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है.
योजना से गर्भवती को लाभ:
इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रोत्साहन राशि के साथ उनके बेहतर प्रसव प्रबंधन का भी ख्याल रखा जाता है. जिसमें निम्नलिखित सुविधाएं शामिल है:
• सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव की निःशुल्क व्यवस्था
• निःशुल्क दवा की व्यवस्था
• गर्भवती को उनके घर से लाने एवं प्रसव के बाद अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा घर पहुँचाने की निःशुल्क व्यवस्था
• प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्स के द्वारा निःशुल्क प्रसव प्रबंधन
• नवजात शिशुओं में बेहतर प्रतिरक्षण हेतु शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान सुनश्चित कराने की व्यवस्था