बच्चों को टीका दिलवाने ले जाते वक्त बरतें सावधानी

• टीके दिलवाने में एक सप्ताह से अधिक की देरी न करें
• बच्चों को टीका पड़ने से बढ़ती है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
बांका-
कोरोना काल में बच्चों के टीकाकरण को लेकर परिजन असमंजस में हैं। दरअसल, एक-एक कर स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित होते जा रहे हैं। पिछले दिनों कई एएनएम और आशा कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। ऐसे में परिजनों का डर स्वाभाविक ही है। वहीं दुविधा यह भी है कि कोरोना काल कब खत्म होगा, इसका पता नहीं है। पहले लगा था कि कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगा, लेकिन संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। सरकार को फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा। यानी की संकट बड़ा है। ऐसे में बच्चों को टीके पड़ने में ज्यादा देरी नहीं की जा सकती। ऐसे में जरूरी है कि टीका दिलाने जाने के दौरान कुछ सावधानियां बरती जाएं।
बांका शहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि बच्चों के टीकाकरण में ज्यादा देरी नहीं की जा सकती। एक सप्ताह से अधिक की देरी ठीक नहीं रहेगा। टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना होता है। इसलिए बच्चों के समय से ही टीके दिलवाना चाहिए। हां, टीका दिलवाने जाते वक्त सावधानी का जरूर ख्याल रखें।
सामाजिक दूरी का रखें ख्याल:
बच्चे को टीका दिलवाने ले जाते वक्त सामाजिक दूरी का ख्याल रखें। एक दूसरे से कम-से-कम दो मीटर की दूरी बनाए रखें। अस्पताल में कोशिश करें कि लोग आसपास नहीं आ सके। इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।
समय तय कर जाएं
टीकाकरण के लिए बच्चों को ले जाते वक्त पहले डॉक्टर से समय ले लें। इससे आपको वहां पर ज्यादा देर तक रुकना नहीं पड़ेगा। आपके अस्पताल जाते ही बच्चे को टीके पड़ जाएंगे। इससे आपका अधिक लोगों से मुलाकात नहीं होगी और आप पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे।
वरिष्ठ सदस्य को साथ नहीं ले जाएं
बच्चे को टीका दिलवाने ले जाते वक्त घर के वरिष्ठ सदस्य को साथ नहीं ले जाएं। ऐसा देखा जाता है कि लोग बच्चे के नाना-नानी, दादा-दादी को लेकर अस्पताल जाते हैं। ऐसा करने से उन्हें कोरोना के संक्रमण का ख़तरा रहता है। फिर इससे पूरे परिवार को ख़तरा हो सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
बच्चे को ढककर ले जाएं:
अस्पताल जाते वक्त कोशिश करें कि बच्चे पूरी तरह से ढका हो। अगर संभव हो तो ले जाने वाला व्यक्ति भी पूरी तरह से कवर्ड हो। बड़े लोग मास्क पहनकर जा सकते हैं, लेकिन बच्चे को मास्क नहीं पहनाएं। वह बहुत छोटे होते हैं। इसलिए उनके चेहरे को ढक दें। इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा कम रहेगा।
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