कोरोना मरीजों को मानसिक रूप से किया जा रहा मजबूत

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को दिया जा रहा किट
घर में रहने के दौरान कैसे रहना है, इसका दिया जा रहा टिप्स
बांका, 1 अगस्त
जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ उसका इलाज भी बेहतर तरीके से किया जा रहा है। शहरी पीएचसी के लकड़ीकोला स्थित केंद्र में न सिर्फ कोरोना के मरीजों को दवा की किट उपलब्ध कराई जा रही है, बल्कि उसे मानसिक रूप से भी तैयार किया जा रहा है। मरीजों को बताया जा रहा है कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। 10 दिन के अंदर आप ठीक हो जाएंगे।
लकड़ीकोला में जांच के बाद पॉजिटिव आए मरीजों से पूछा जा रहा है कि आपके घर में सेल्फ आइसोलेशन की सुविधा है या नहीं। अगर मरीज के घर में आइसोलेशन की सुविधा नहीं है तो उसे वहीं पर कोविड केयर सेंटर में भर्ती कर लिया जा रहा है। जिस मरीज के पास घर में होम आइसोलेशन की सुविधा है उसे जांच किट उपलब्ध कराई जा रही है। साथ में घर में रहने के दौरान नियमों का पालन करने कहा जा रहा है। शहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि मरीजों को इलाज के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत करने की जरूरत है। जांच के बाद जिस मरीज में कोरोना होने की पुष्टि होती है, उसे केंद्र पर तैनात डॉक्टर जरूरी सलाह देते हैं। उन्हें घर पर रहने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी की सलाह तो दी ही जाती है। साथ ही उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहने को कहा जाता है। उन्हें अबतक ठीक हुए अधिकतर मरीजों का हवाला दिया जाता है। समझाया जाता है कि सावधानीपूर्वक रहने से 10 दिनों के अंदर आसानी से मरीज ठीक हो जाते हैं।
हमेशा मास्क का करें इश्तेमाल
डॉ. चौधरी कहते हैं कि मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने के दौरान हमेशा मास्क का इस्तेमाल करने और 8 घंटे उपयोग के बाद उसे फेंक देने की सलाह दी जाती है। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है, तो उसको तुरंत बदलने कहा जाता है। ऐसा करने से मरीज तो सुरक्षित रहेंगे ही, घर के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रहेंगे। इसलिए घर पर रहते वक्त मास्क का इश्तेमाल हर हाल में करें।
एक ही कमरे में रहें
होम आइसोलेशन के दौरान मरीजों को अपने कमरे में ही रहने कहा जा रहा है और घर के दूसरे कमरों में नहीं जाने को कहा जा रहा है। साथ ही दरवाजे, टेबल जैसी चीजों को छूने से बचने कहा जा रहा है, जिससे घर के अन्य सदस्यों के कोरोना की चपेट में आने का खतरा नहीं रहे। कोरोना मरीज अपने कमरे की खिड़कियां हमेशा खुली रखने कहा जा रहा है और अलग टॉयलेट का इस्तेमाल करने भी कहा जा रहा है। घर के दूसरे सदस्यों से अपनी निजी वस्तुओं यानी कपड़े, बर्तन समेत अन्य चीजों को साझा नहीं करने की सलाह दी जा रही है।
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा का सेवन करें
कोरोना मरीज को होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा को नियमित रूप से लेने के लिए कहा जा रहा है। अगर मरीज किसी अन्य बीमारी की दवाएं लेते हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेने कहा जा रहा है। कोरोना मरीजों को रिकवरी पीरियड के दौरान धूम्रपान नहीं करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही भरपूर आराम करने और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देने की सलाह दी जा रही है।
परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
अगर होम आइसोलेशन के दौरान कोरोना मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है या फिर छाती में लगातार दर्द व दबाव होता है तो  उसे तत्काल डॉक्टर से संपर्क करने के लिए कहा जाता है। मानसिक भ्रम होने या फिर होठों व चेहरों के नीले पड़ने पर स्वास्थ्यकर्मी से तत्काल संपर्क करने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही कोरोना मरीज की देखरेख करने वाले को भी पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
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