स्तनपान से बच्चों को ही नहीं, मां को भी होते हैं कई फायदे

प्राकृतिक ढंग से वजन कम करने में है सहायक
मां व शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ते होता है मजबूत
भागलपुर-
अभी विश्व स्तनपान सप्ताह चल रहा है। जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम घर-घर जाकर महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए जागरूक कर रही हैं। बच्चों में इससे होने वाले फायदे बताए जा रहे हैं, लेकिन स्तनपान के फायदे सिर्फ बच्चों को ही नहीं होता है। बच्चों की मां को स्तनपान के कई फायदे हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा सिंह कहती हैं कि बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिला स्वस्थ रहती हैं। उन्हें स्तनपान नहीं कराने वाली महिलाओं के अपेक्षा दूसरी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साथ ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे से भी स्तनपान कराने वाली महिला बची रहती हैं, उस महिला के मुकाबले जो स्तनपान नहीं कराती हैं। साथ ही स्तनपान कराने से माँ और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ते को बढ़ाता और मजबूत करता है।
गर्भाशय के कैंसर से होता है बचाव
डॉ. सिंह कहती हैं कि कई अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्तनपान कराने से मां को गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसलिए मांओं को छह माह तक तो बिना संकोच के स्तनपान कराना चाहिए। इससे उन्हें दोहर फायदा होता है। एक तो बच्चे स्वस्थ रहते हैं। साथ ही उनका भविष्य भी रोगमुक्त हो जाता है।
प्राकृतिक ढंग से वजन कम करने में है सहायक
डॉ. सिंह कहती हैं कि आमतौर पर मां बनने के बाद महिलाओं का शरीर काफी भारी हो जाता है। कई महिलाओं का वजन तो 20 किलो तक बढ़ तक जाता है। स्तनपान, वजन कम करने में सहायक होता है, जब मां, अपने शिशु को स्तनपान कराती है तो उसका शरीर लगभग 450 से 500 कैलोरी खर्च करता है, इससे प्राकृतिक ढंग से वजन कम करने मे मदद मिलती है।
पेट दर्द से मिलती है राहत
डॉ. सिंह कहती हैं कि बच्चे के जन्म के बाद से ही मां में ब्लीडिंग की समस्या हो जाती है, जिस वजह से महिलाओं को पेट दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। वहीं, अगर महिला अपने बच्चे को नियमित रूप से स्तनपान कराती है तो ऐसे में उसकी ब्लीडिंग के कारण होने वाले दर्द से तो राहत मिलती ही है साथ ही ब्लीडिंग कम भी होती है। इसलिए स्तनपान कराने में कोताही नहहीं बरतें।
बीमारियों से लड़ने में हो जाता है सक्षम
डॉ. सिंह कहती हैं कि मां के दूध में सभी वो पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शुरुआती बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सकते हैं। शुरुआती छह महीने तक बच्चों को स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है। इससे उनके शरीर को विकसित होने में काफी मदद मिलती है। जन्म के बाद बच्चे काफी नाजुक होते हैं। उन्हें कोई भी संक्रमण या बीमारी अपनी चपेट में ले सकता है। इससे बचने के लिए मां का स्तनपान समय-समय पर कराना काफी जरूरी होता है। इससे उसके शरीर में धीरे-धीरे ताकत मिलती रहती है, जिस वजह से वह बीमारियों से लड़ने में कामयाब हो पाता है।
सही मात्रा में मिलते हैं मिनिरल्स
डॉ. सिंह कहती हैं कि बच्चे के जन्म के बाद उसके शरीर को सबसे ज्यादा जरूरत होती है मिनिरल्स की, जो उसकी मां के द्वारा ही दिया जा सकता है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद से ही स्तनपान शुरू हो जाता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मिनिरल्स मिल जाते हैं। यही वजह है कि बच्चे की मां के दूध को ही शुरुआती छह महीने तक काफी जरूरी और फायदेमंद माना जाता है।
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