सुरक्षित प्रसव  के लिए प्रसव पूर्व जांच है जरूरी

– गर्भावस्था का रखें  ख्याल
– कम उम्र में गर्भधारण से भी होता है समय से पूर्व प्रसव
– हर महीने की नौ तारीख को सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र में होती है मुफ्त जांच
लखीसराय,14 अगस्त,2020
हर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान ससमय एवं सुरक्षित प्रसव होने की लालसा रहती है। इस दौरान मन में तरह-तरह के सवाल के साथ खुशियाँ भी रहती है। लेकिन इस दौरान थोड़ी सी अनदेखी और लापरवाही बड़ी मुश्किल का सबब बन सकता है। इसलिए गर्भावस्था से पूर्व भी महिलाओं को अपने बेहतर स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत होती है, जिसमे प्रसव पूर्व जांच करना बहुत जरूरी है। सदर अस्पताल की स्त्री एवं प्रसव रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा कुमारी बताती है, गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जाँच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है। सम्पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच के आभाव में उच्च जोख़िम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती। इससे प्रसव के दौरान जटिलता की संभावना बढ़ जाती है। शिशु गर्भ के दौरान मानसिक, शारीरिक रूप से संबल नहीं हो पाता है।  इसके अलावा ऐसे शिशु में स्तनपान के लिए माँ के स्तनपान के साथ साँस लेने की क्षमता नहीं होती है।जिसके कारण बच्चा कई तरह के समस्याओं से घिर जाता है ।
कम उम्र में गर्भधारण से भी होता है समय पूर्व प्रसव
डॉ रूपा  कुमारी बताती है कि समय पूर्व प्रसव होने के कई कारण हैं। जैसे कि माता का 40 किलोग्राम से कम वजन होना, शरीर में खून की कमी, गर्भावस्था के दौरान या प्रसव पूर्व ब्लडिंग होना, गर्भाशय मुख का बेहद कमजोर होना आदि। इसलिए गर्भावास्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच कराना जरूरी है। चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही इलाज कराना चाहिए। इसमें कम उम्र में गर्भधारण करना और गर्भावस्था के दौरान उचित खान-पान का सेवन नहीं करने आदि मुख्य कारण हैं। क्योंकि ऐसी स्थिति में महिलाएँ काफी कमजोर हो जाती है। जिसके कारण सुरक्षित प्रसव नहीं हो पाता है।
गर्भावस्था का रखें  ख्याल:
डॉ पूजा कुमारी बताती है नवजात का स्वास्थ्य माता के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है. इसलिए माता को गर्भधारण करने से पूर्व ही अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत होना चाहिए. महिलाओं में प्रत्येक माह माहवारी होने से शरीर में खून की कमी होने का ख़तरा बना रहता है. इसके लिए गर्भावस्था से पूर्व आयरन युक्त आहार के साथ आयरन फ़ोलिक एसिड की गोली का सेवन भी जरुरी होता है. गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जाँच एवं टेटनस का टीका सुरक्षित प्रसव के लिए जरुरी होता है.
क्या है प्रसव पूर्व देखभाल: डॉ. पूजा कुमारी बताती है कि प्रसव पूर्व देखभाल का संबंध गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य की जानकारी और नियमित चिकित्सा जांच होता है जिससे कि प्रसव सुरक्षित हो सके। उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचने  के लिए प्रसब पूर्ब जाँच (ए एन सी) की जाती  है।  इस दौरान गर्भवती महिला की विभिन्न जांचें जैसे–रक्तचाप, खून की जांच, पेट की जांच इत्यादि की जाती है। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत, सभी सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हर महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं की निशुल्क यह चिकित्सा जांच की जाती है
उच्च जोख़िम गर्भधारण के कारण:
• गर्भावस्था में 7 ग्राम से खून का कम होना
• गर्भावस्था में मधुमेह का होना
• एचआईवी पॉजिटिव होना(एडस पीड़ित)
• अत्यधिक वजन का कम या अधिक होना
• पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना
• उच्च रक्तचाप की शिकायत होना
उच्च जोख़िम गर्भधारण के लक्षण :
• पूर्व की गर्भावस्थाओं या प्रसव का इतिहास
• दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो
• बच्चा पेट में मर गया हो या मृत पैदा हुआ हो
• कोई विकृत वाला बच्चा पैदा हुआ हो
• प्रसव के दौरान या बाद में अधिक रक्त स्त्राव हुआ हो
• गर्भवती होने से पहले कोई बीमारी हो
• उच्च रक्तचाप
• दिल या गुर्दे की बीमारी
• टीबी या मिरगी का होना
• पीलिया या लिवर की बीमारी
• हाइपोथायराइड से ग्रसित होना
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