आज के अत्याधुनिक युग में इंटरनेट की सुविधा से जितना लोगों को लाभ हुआ है उतना ही कुछ जोखिम भी बढ़े हैं। जैसे झूठी कॉल करके बैंकों के अकाउंट साफ कर लेना। झूठी ईमेल द्वारा उनके खातों में सेंध लगाना। ऐसे अन्य बहुत सी घटनाएं हो चुकी हैं। कई तरीके अलग-अलग तरीके भिन्न-भिन्न तरीके यह लगाते हैं। ऐसे ही एक समूह का पर्दाफाश हुआ है।
सावधान! जेब में पड़ा मोबाइल हो रहा है हैक, अब तक सैकड़ों लोगों के बैंक अकाउंट साफ।
आधार रिन्यू, लॉन, डेबिट और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने और धांसू ऑफर से जुड़ी कॉल आए, तो सवाधान हो जाएं। लॉकडाउन के बाद नए तरीकों से साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। ये लोग खुद को बैंक अफसर बताते हैं। क्रेडिट, डेबिट कार्ड पर पॉइंट्स का हवाला देते हैं। फिर ‘टीम व्यूअर’ और ‘एनी डेस्क’ नाम की एप्लिकेशन गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कराके चुटकी में अकाउंट से रकम उड़न छू कर देते हैं।
सभी आरोपी गिरफ्तार
डीसीपी विजयंता आर्या के मुताबिक, ‘आरोपियों की पहचान दीपू कुमार झा, निर्मल राज और सुनील के रूप में हुई है। केशवपुरम पुलिस को ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले अंकुर नाम के युवक ने बैंक फ्रॉड होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि एक अंजान फोन नंबर से फोन आया था। कॉलर ने खुद को बैंक अधिकारी बताया। उसके डेबिट कार्ड के बारे में बात की और उसको प्ले स्टोर से टाइम व्यूअर और ऐनी डेस्क नाम की एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा।
कैसे करते थे ये धोकाधड़ी
कॉलर के कहने पर उसने अपने डेबिट कार्ड का नंबर भी बता दिया। उसके बाद अकाउंट से 4656 रुपये निकल गए। पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसीपी मनोज पंत के सुपरविजन में इंस्पेक्टर संजय कुमार की देखरेख में पुलिस को आरोपियों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। जांच टीम ने कॉलर के मोबाइल फोन की डिटेल और लोकेशन पता की। रुपये कहां ट्रांसफर हुए हैं, इस बारे में पता किया। फोन लोकेशन के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी मोहन गार्डन इलाके में रहते हैं। खुद को कोटक महिन्द्रा बैंक का अधिकारी बताकर फोन कॉल किया करते थे। आरोपी एप्लिकेशन डाउनलोड कराने के बाद ओटीपी पूछते थे और अगले ही पल ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करा लेते थे। वह सैकड़ों लोगों को शिकार बना चुके हैं।
इसलिए हर पल सावधान रहे, सचेत रहें, किसी भी झूठी कॉल का उत्तर ना दे, किसी भी लालच में ना आये अवांछित मेल चैक ना करें।