अपनों का इलाज कराने जाते वक्त रहें सतर्क, कोरोना संक्रमण बन सकता है खतरा

• अब तक 13 लोग अपनों के इलाज कराने के दौरान हुए हैं संक्रमित
• इलाज कराते वक्त कोविड अनुरूप आचरण के मानकों का करें पालन

भागलपुर, 14 अक्टूबर

कोरोना मरीजों का आंकड़ा तो धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, लेकिन लोग परहेज करने में अभी भी कोताही बरत रहे हैं. आमतौर पर देखा जा रहा है लोग अपना या अपने रिश्तेदारों के ईलाज के लिए अस्पताल आने पर कोरोना से पूरी सतर्कता बरतने में चूक कर रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना भी पड़ रहा है. जिले में अब तक 13 ऐसे मामले आए हैं, जो कि अपने परिजनों या रिश्तेदार का इलाज कराने गए और बाद में कोरोना संक्रमित होकर लौटे. इस तरह की लापरवाही से बचने की जरूरत है. तभी हम कोरोना को मात दे पाएंगे.
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राजकमल चौधरी कहते हैं -अपनों का इलाज कराते हुए लोग थोड़ा अधिक भावुक हो जाते हैं. इससे बचने की जरूरत है. लोगों को यह समझना चाहिए कि सावधानी से ही कोरोना को मात दिया जा सकता है. इसलिए हम अगर किसी अपने जान-पहचान पहचान वाले का इलाज कराते हैं तो उस दौरान अधिक सावधान एवं सतर्क रहने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए. मास्क और ग्लव्स को हमेशा पहने रखना चाहिए. इससे कोरोना संक्रमण से बचाव संभव है.

अस्पताल में है पूरी व्यवस्था: डॉक्टर चौधरी कहते हैं कि अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अच्छी व्यवस्था है. इसलिए यहां पर जब मरीज का इलाज चल रहा हो तो डॉक्टर की बात मानें और मरीज के सीधे संपर्क में आने से बचें. आप जितना ख्याल मरीज का रखेंगे, उससे कम ख्याल यहां पर डॉक्टर नहीं रखते हैं. ऐसा देखा जाता है कि डॉक्टर की सलाह के बावजूद मरीज के परिजन उनसे मिलने आइसोलेशन वार्ड चले जाते हैं और वह बाद में वह संक्रमित हो जाते हैं. ऐसा नहीं करें. इससे डॉक्टर भी परेशान होते हैं और लोगों का भी नुकसान होता है.

होम आइसोलेशन में बरतें सावधानी: अगर आपके घर में कोई कोरोना का मरीज हो और होम आइसोलेशन में उसका इलाज चल रहा है तो इस दौरान आप भी सतर्क रहें. मरीज जब तक ठीक ना हो जाए, तब तक आप उससे शारीरिक दूरी बनाकर रखें. कोरोना को लेकर सरकार की जो भी गाइडलाइन है, उसका पालन करें. ज्यादा दिनों की बात नहीं है. इक्कीस दिनों में मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाएगा और फिर आप पहले जैसे साथ में रहते थे, उसी तरीके से रह सकेंगे. इसलिए लापरवाही नहीं बरतें.

अलग बाथरूम का करें इस्तेमाल: अगर आपके घर में कोरोना का मरीज हो तो आप उस बाथरूम का इस्तेमाल नहीं करें जिसका कि संक्रमित व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है. अगर करें भी तो बाथरूम जाने से पहले उसे सैनिटाइज कर दें. अगर संभव हो तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें. अगर घर में दूसरा बाथरूम नहीं हो तभी उसका इस्तेमाल करें और उसे सैनिटाइज करना नहीं भूलें.

बुजुर्ग व्यक्ति को घर से हटा लें: अगर आपके घर में होम आइसोलेशन में कोई व्यक्ति रह रहा हो इस दौरान आपके घर में जो भी बुजुर्ग व्यक्ति उन्हें अपने रिश्तेदार के घर भेज दें या फिर अगर घर में ही रहने की मजबूरी हो तो बुजुर्ग व्यक्ति के लिए सारी व्यवस्था अलग से करें. इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह से बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना संक्रमित के संपर्क में नहीं आए आ जाए. बुजुर्ग व्यक्ति को कोरोना का ज्यादा खतरा रहता है, इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है.

हृदय या मधुमेह के रोगी भी रहें सावधान: कोरोना का खतरा बुजुर्ग के साथ ह्रदय और मधुमेह के रोगी को भी अधिक रहता है. अभी तक जितने भी कोरोना मरीजों की स्थिति गंभीर हुई है उनमें बुजुर्गों के साथ हृदय और शुगर के मरीज ज्यादा रहे हैं. इसलिए ह्रदय और शुगर के मरीज को कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पास बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए. अगर एक बार ये लोग संक्रमित हो गए तो इन्हें ठीक होने में ज्यादा समय लग जाता है.

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