सही पोषण देकर बच्चे को रखें स्वस्थ

पोषण की कमी से बच्चे आ सकते हैं बीमारियों की चपेट में

बच्चे को कुपोषण से दूर रखने के लिए दे सही पोषण

भागलपुर, 21 अक्टूबर

सही पोषण हर किसी के लिए जरूरी होता है, लेकिन बच्चों के लिए खास तौर पर इस बारे में ध्यान देना चाहिए. अगर बचपन में किसी को सही पोषण मिल जाता है तो वह जीवन भर स्वस्थ रहता है. अगर सही पोषण नहीं मिला तो बच्चे तमाम बीमारियों की चपेट में आ जाते है. इसलिए परिजनों को बच्चे के सही पोषण पर ध्यान देना चाहिए.
नारायणपुर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी बताते हैं कि बच्चों का अगर सही पोषण प्राप्त तो उसका काफी दूरगामी प्रभाव होता है. इससे बच्चा ना सिर्फ उस समय स्वस्थ रहता है, बल्कि कुपोषण से भी दूर रहता है साथ ही भविष्य में भी वह बीमारियों से बचा रहता है. इसलिए मां-बाप को बच्चे के सही पोषण पर ध्यान देना चाहिए.

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूत: डॉ विद्यार्थी कहते हैं कि बचपन में सही पोषण बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है. जिससे उसके शरीर में किसी भी तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता सामान्य लोगों के मुकाबले अधिक हो जाती है. इससे उसका बीमारियों से बचाव होता है.

आहार और सही पोषण के अंतर को समझें: डॉक्टर विद्यार्थी कहते हैं कि लोग सामान्य आहार और सही पोषण के अंतर को समझ नहीं पाते हैं. खूब खिलाना सही पोषण नहीं है. इससे बच्चे की भूख तो मिट जाती है, लेकिन उसके शरीर को जिस चीज की जरूरत होती है वह नहीं मिल पाता. सही पोषण का मतलब होता है शरीर की आवश्यकता के मुताबिक भोजन. बच्चों को आवश्यकता के अनुसार भोजन देना चाहिए जिसमें प्रोटीन और विटामिन की मात्रा संतुलित हो. भरपूर भोजन देने से बचना चाहिए.

सही पोषण नहीं मिलने से हो सकता है मोटापा का शिकार: बच्चे को अगर सही पोषण नहीं मिलता है तो वह मोटापा का शिकार हो सकता है. जिससे वह कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जाता है. साथ में कुपोषित होने का भी खतरा रहता है. इसलिए बच्चे को हमेशा सही पोषण देने की जरूरत है.

दाल और सब्जी का सूप रहता है फायदेमंद: बच्चों को सामान्य आहार के साथ दाल और सब्जी का सूप अधिक से अधिक देना चाहिए. इससे बच्चों के शरीर को विटामिन और प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति होती है. इसके साथ बच्चों को सुबह और शाम में दूध देने की जरूरत है. इससे बच्चे स्वस्थ रहते हैं.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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