साईकिल और अर्थव्यवस्था – गुरुजी भू

साइकिलिंग किसी भी अर्थव्यवस्था (GDP) के लिए हानिकारक हो सकती  है ?

ये हास्यास्पद लगता है परन्तु सत्य है।

बडे बडे अर्थशास्त्र के पण्डित मानते है कि एक साइकिल चलाने वाला, देश के लिए बहुत बड़ी आपदा है,
क्योंकि –
वो गाड़ी नहीं खरीदता,
वो लोन नहीं लेता,
वो गाड़ी का बीमा नहीं करवाता,
वो तेल नहीं खरीदता,
वो गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाता,
वो पैसे देकर गाड़ी पार्किंग नहीं करता,
वो मोटा (मोटापा) नहीं होता,

वो तनावग्रस्त नही रहता,

वो बैंक के गुण्डों की गाली नही खाता,

वो किस्त ना देने के कारण गाडी उठ जाने की चिंता से भी मुक्त रहता है।

जी हां यह सत्य है कि स्वस्थ व्यक्ति अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है, क्योकि –

वो दवाईयां नहीं खरीदता
वो अस्पताल व चिकित्सक के पास नहीं जाता
वो राष्ट्र की GDP में कोई योगदान नहीं देता।

ऋणदाता माफियाओं से, बैंक माफियाओं से, औषधि माफियाओं से, हॉस्पिटल में जो बैठे हैं टेस्ट करने के लिए उन सभी माफियाओं से दूर रहता है। स्वस्थ रहता है। मस्त रहता है और अगर सारे देश में सभी लोग स्वस्थ रहेंगे, मस्त रहेंगे, निरोगी रहेंगे तो देश की जीडीपी सुपर होगी। सबसे ऊपर होगी। ऐसा मेरा मानना है, इसलिए इस भ्रांति को इस तथाकथित अर्थशास्त्रियों की भ्रांति को तोड़ना अत्यंत अनिवार्य है। जहां तक काम का प्रश्न है काम तो और भी बहुत है करने के लिए। देश भर में काम की कमी नहीं है। तरह तरह के काम बहुत है करने के लिए। केवल बीमार होना दवाइयों का खर्चा करना, बीमा कराना यह सब काम नहीं है। इसके अलावा भी बहुत काम है। देश की उन्नति हेतु कृषि के क्षेत्र में, निर्माण के क्षेत्र में, कला संस्कृति के क्षेत्र में, बहुत काम है। आजीविका के बहुतेरे साधन है। उनका प्रयोग करो।समय का सदुपयोग करो। रचनात्मक कार्य करों। आगे बढ़ो, समझो और समझाओ भारत को विश्व गुरु बनाओ।

इसके विपरित एक Fast Food की दुकान 30 नौकरी पैदा करती है।
10 हृदय चिकित्सक
10 दंत चिकित्सक
10 वजन घटाने वाले

बुद्धिमत्तापूर्वक चुनाव करें ।

नोट: पैदल चलना इससे भी खतरनाक है
क्योंकि…

पैदल चलने वाला तो साइकिल भी नहीं खरीदता।

यह बात भी सत्य है कि हर जगह, सभी स्थानों पर केवल साइकल से या पैदल चलकर नहीं पहुंचा जा सकता। दूरदराज के क्षेत्रों में साइकिल या पैदल यात्रा नहीं की जा सकती लेकिन फिर भी जिस स्थिति में हम हैं अपने आसपास अपने 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर यहां तक की 15 किलोमीटर तक भी अगर हमारा ऑफिस है, कार्यालय है, घर से कुछ दूरी पर जाना है, आसपास में जाना है तो हमें उसके अनेकों लाभ मिलेंगे। हमें साइकिल का प्रतिदिन अवश्य ही प्रयोग करना चाहिए, ताकि शरीर भी स्वस्थ रहें, मन भी स्वस्थ रहें मन और मस्तिष्क का संतुलन बना रहे। अर्थव्यवस्था भी बनी रहे। घर की अर्थव्यवस्था से ही राष्ट्र की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है। मजबूत होती है। यही हमारा संकल्प होना चाहिए। साइकल घर में अवश्य होनी चाहिए। केवल होनी ही नहीं चाहिए वरन उसको चलाना भी चाहिए। बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए शरीर का पूरा व्यायाम करने वाली साईकिल भी होती है।

 

गुरुजी भू

विश्व चिंतक, प्रकृति प्रेमी

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