23 से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पिलाएंगी विटामिन ए की खुराक

बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दी जाती है विटामिन ए की खुराक

जिले के तीन लाख से अधिक बच्चे इस कार्यक्रम से होंगे लाभान्वित

बांका, 16 दिसंबर
बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए 23 दिसंबर से विटामिन ए अनुपूरक कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इसके तहत 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी. नियमित टीकाकरण के दौरान पिछले 4 माह में जिन बच्चों को खसरे के टीके या बूस्टर डोज के साथ विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है, वैसे बच्चों को अभियान के दौरान खुराक नहीं दी जाएगी.
इसे लेकर राज्य कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सिविल सर्जन व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है. पत्र में कार्यक्रम को लेकर जिला, प्रखंड और ग्रामीण स्तर पर कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जानकारी दी गई है. बताया गया है कि विटामिन ए की सिरप 9 से 11 माह के बच्चों को 1 एमएल, जबकि 12 से 60 माह के बच्चों को दो एमएल की खुराक दी जाएगी.

विटामिन ए की दवा आ चुकी है: सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर महतो ने बताया कि इसे लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और रेफरल अस्पतालों में तैयारी चल रही है. दवा आ गई है. इस बांटा जा रहा है. मालूम हो कि इस खुराक से ना सिर्फ बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बल्कि शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है. जिले के लगभग तीन लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पड़नी है.

आशा कार्यकर्ताओं को दी गई ट्रेनिंग: कटोरिया रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ विनोद कुमार ने कहा कि अभियान को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दे दी गई है. 23 से 26 तारीख के दौरान आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगे. इसे लेकर एक माइक्रोप्लान तैयार किया गया है और इसमें आशा कार्यकर्ताओं को अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी सहयोग करेंगे.

कोरोना की गाइडलाइन का किया जाएगा पालन: वहीं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि विटामिन ए की खुराक देने के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा. आशा कार्यकर्ता बच्चों को टच नहीं करेंगी. परिजन को एक साफ चम्मच लाने को कहेंगी, दूर से ही विटामिन ए की सिरप पिलाएंगी. बच्चे परिजन की गोद में रहेंगे.

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल:
• व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
• बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
• साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
• छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
• उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
• घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
• बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
• आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
• किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
• कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
• बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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