– पल्स पोलियो अभियान का आज अंतिम दिन
-शहरी क्षेत्र में एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका बच्चों को पिला रही दवा
बांका-
31 जनवरी को शुरू हुए पल्स पोलियो अभियान का गुरुवार को अंतिम दिन है. शहरी क्षेत्र में इस बार 10 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम और क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिला रही हैं. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान शहरी क्षेत्र में काफी जोर-शोर से चल रहा है.एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका 5 साल तक के बच्चों को घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिला रही हैं. इसमें उनका साथ कुछ स्थानीय वॉलिंटियर्स भी दे रहे हैं. 5 दिन के अभियान के चौथे दिन बुधवार तक लक्ष्य के अनुसार ही अभियान चला है. उम्मीद है कि पांचवें और आखिरी दिन लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
कोरोना की गाइडलाइन का रखा जा रहा है ध्यान:
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की मैनेजर अल्पना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान करोना की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. बच्चे को बिना छुए ही स्वास्थ्यकर्मी दवा पिला रही हैं. साथ में एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका मास्क और ग्लब्स पहनी रहती हैं. दवा पिलाने के दौरान परिजन को भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा जाता है.
कोई बच्चा छूट जाए तो उसे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेते आएं: डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि वैसे तो एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका हर घर में पहुंच रही हैं और एक-एक एक बच्चे को ढूंढकर दवा पिला रही हैं. फिर भी अगर कोई बच्चा छूट जाए तो परिजन उसे लेकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ सकते हैं. यहां पर उस बच्चे को पोलियो की दवा पिला दी जाएगी. इसे लेकर अस्पताल में पूरी व्यवस्था की गई है.
दवा पिलाने को लेकर दी गई है ट्रेनिंग: डॉ सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि अभियान चलाने को लेकर सभी एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं को ट्रेनिंग दी गई है. उन्हें बताया गया है कि किस तरह से दवा पिलानी है. कुछ स्थानीय लोगों को भी प्रशिक्षण दिया गया है. वे लोग भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को ढूंढने में उनलोगों की मदद सराहनीय है.
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।