-भागलपुर का रिकवरी रेट 99% से ऊपर पहुंचा
-अब जिले में सिर्फ 10 मरीज होम आइसोलेशन में
भागलपुर, 5 फरवरी
जिले में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अभियान रंग ला रहा है. अब जिले के अस्पताल कोरोना मरीजों से मुक्त हो गए हैं. अभी किसी भी अस्पताल में कोरोना के मरीज भर्ती नहीं हैं. सिर्फ 10 मरीज होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं. जिले में अब तक 9532 कोरोना मरीज मिले हैं. इनमें से 9442 पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं. सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना को लेकर जिले की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. रिकवरी रेट काफी बेहतर है और अब मरीज भी एक-दो ही मिल रहे हैं. जनवरी में तो कई दिन ऐसे आए जिस दिन एक भी मरीज नहीं मिले. लोग भी इसे लेकर सजग हो गए हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी चौकस है.
5.80 लाख लोगों की अब तक हो चुकी है कोरोना जांच:
जिले में अब तक 5.80 लाख लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है. कोरोना की चेन को तोड़ने में जांच की भूमिका अहम रही है. अधिक से अधिक लोगों की जांच होने से कोरोना का संक्रमण एक-दूसरे में नहीं हुआ. एक तरह से देखा जाए तो जांच का अभियान तेज होने से जिले में कोरोना की रफ्तार कम हो गई है.
मायागंज अस्पताल में मरीजों के लिए बढ़ेंगी सुविधाएं: अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत का कहना है कि अस्पताल कोरोना मरीजों से मुक्त हो जाने के बाद अब यहां पर सामान्य मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए घोषित हो जाने के बाद बहुत सारी सुविधाएं आम मरीजों को नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब कोरोना मरीज अस्पताल में नहीं हैं , इस वजह से संक्रमण का भी खतरा नहीं है किसी को. इसलिए अब सभी तरह की सुविधाएं अस्पताल में सामान्य मरीजों को मिलेंगी.
कोरोना का वायरस जिले में कमजोर पड़ गया-
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मायागंज अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल प्रभारी डॉ हेमशंकर शर्मा का कहना है कि कोरोना का वायरस जिले में कमजोर पड़ गया है. टीकाकरण जिस तरह से जिले में चल रहा है, उम्मीद है कि जून तक जिले में कोरोना का मरीज मिलना बंद हो जाएगा. हालांकि इसके बावजूद लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने से अन्य दूसरी बीमारियों से भी बचाव हो सकेगा.
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।