भागलपुर में खुलेगा एबीसीडी यानी आयुष्मान भारत काउंसलिंग डेस्क

बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने लिखा पत्र
मायागंज अस्पताल और सदर अस्पताल में इसके लिए जमीन की जाएगी चिह्नित

भागलपुर, 10 मार्च
मायागंज और सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत काउंसलिंग डेस्क (एबीसीडी) खोला जाएगा. इसे लेकर बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी कौशल किशोर ने मायागंज अस्पताल के अधीक्षक और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर जमीन चिह्नित करने के लिए कहा है. एबीसीडी खोलने का मुख्य उद्देश आयुष्मान भारत योजना की ब्रांडिंग करना है, ताकि इसके बारे में अधिक से अधिक लोग जान सकें और गोल्डन कार्ड बनवाकर सरकार की ओर से मिल रहे इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकें.

प्रदेश के बाहर इलाज कराने में होगी सहूलियत: एबीसीडी से गंभीर रोगों के मरीजों को प्रदेश के बाहर इलाज कराने में सहूलियत होगी. ऐसे रोगियों की यहां पर काउंसिलिंग की जाएगी. उन्हें उचित अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी जाएगी. किस बीमारी का इलाज कहां अच्छे तरीके से होता है, इसकी भी जानकारी यहां पर मरीजों को दी जाएगी. इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के सभी लाभुकों को बेहतर से बेहतर इलाज पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. इस डेस्क के जरिए इलाज में आने वाली दिक्कतों को दूर करने में भी आसानी होगी.

जिले में ढाई लाख लाभुकों का बन चुका है गोल्डन कार्ड: जिले में अभी तक ढाई लाख लोगों का आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बन चुका है. पिछले दिनों गोल्डन कार्ड बनाने के लिए एक अभियान चलाया गया, जिसके बाद जिले में गोल्डन कार्ड बनने में तेजी आई है. जिले के कई लाभुकों ने गोल्डन कार्ड के जरिए अपना इलाज करवाया है.

₹500000 रु .तक का मुफ्त में होता है इलाज: जिन लोगों का आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बन गया है उनका ₹500000रु. तक का इलाज मुफ्त में होता है. अगर मरीज की बीमारी का इलाज स्थानीय स्तर पर नहीं हो पाता है तो उसे दूसरी अच्छी जगह भी भेजकर इलाज करवाया जाता है. इसी में गति लाने के लिए एबीसीडी खोलने की कवायद चल रही है.

जल्द भेजी जाएगी रिपोर्ट: मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ अशोक कुमार भगत ने बताया कि जल्द ही अस्पताल में जगह चिह्नित की जाएगी. जगह चिह्नित हो जाने के बाद रिपोर्ट पटना भेज दी जाएगी. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद एबीसीडी बनाने की कवायद तेज कर दी जाएगी.

SHARE