सेविका रंजना कुमारी गर्भवती महिलाओं को पोषण के प्रति कर रही हैं जागरूक

कजरेली के तेतरहार स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 80 की सेविका हैं रंजना कुमारी
पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने के साथ सेविका का काम भी मजबूती से कर रहीं रंजना

भागलपुर-

स्वास्थ्य विभाग के साथ आईसीडीएस के कर्मी भी कदम से कदम मिलाकर लोगों को स्वस्थ रखने में मदद कर रहे हैं. आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका इस काम में काफी बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं. नाथनगर प्रखंड की कजरेली पंचायत के तेतरहार गांव स्थित आंगनबाड़ी संख्या 80 की सेविका रंजना कुमारी गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को सही पोषण के प्रति जागरूक कर रही हैं. इसके अलावा वह इन महिलाओं की निगरानी भी करती हैं. महिलाओं की जांच से लेकर बच्चों की देखभाल पर भी नजर रखती हैं.
अपने क्षेत्र के सभी लोगों के बारे में जानकारी रखती हैं रंजना
रंजना कहती हैं कि मैं अपने क्षेत्र के सभी लोगों के बारे में जानकारी रखती हूं. मुझे जैसे ही पता चलता है की किसी घर से कोई महिला गर्भवती है तो सबसे पहले मैं उसे जांच की सलाह देती हूं. आंगनबाड़ी केंद्र संख्या पर उसकी जांच करवाकर फिर उसे सही पोषण के बारे में बताती हूं. गर्भवती महिलाओं को हरी सब्जियां, मांस और मछली समेत प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह देती हूं. जो महिलाएं मांस- मछली का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें हरी सब्जियों और दूध का ज्यादा सेवन करने के लिए कहती हूँ.

गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड और कैल्सियम की गोली जरूर लेने की सलाह देती हूं:
रंजना कुमारी कहती हैं गर्भवती महिलाओं की पहचान और जांच होने के बाद उसे फोलिक एसिड और कैल्सियम की 180-180 गोली लेने के लिए कहती हूं. इससे महिलाएं भी स्वस्थ रहती और उसके बच्चे भी स्वस्थ रहते हैं. रंजना उत्साह के साथ कहती हैं कि मैंने इंटर तक की पढ़ाई साइंस विषयों के साथ की है. इसलिए मुझे इन सब बातों की समझ सेविका की नौकरी करने के पहले से ही है. इससे मुझे अपने काम करने में बहुत मदद मिलती है.

6 महीने तक बच्चों को मां का ही दूध पिलाएं: रंजना कहती हैं कि प्रसव हो जाने के बाद महिलाओं को 6 महीने तक बच्चे को मां का ही दूध देने की सलाह देती हूं. 6 महीना पूरा हो जाने के बाद बच्चे को पूरक आहार देने की सलाह देती. इसके अलावा बच्चे की जांच भी समय-समय पर करती हूं. उसका वजन भी करती हूं.

कोरोना काल में बढ़ गई है चुनौती: रंजना कहती हैं कि कोरोना काल में हमलोगों की चुनौतियां बढ़ गई हैं. जब से कोरोना का दौर शुरू हुआ, तब से लेकर अब तक आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. हमारे आंगनबाड़ी केंद्र पर 40 बच्चे हैं. अभी मैं घर-घर जाकर बच्चों से मिलती हूं और उसको सही पोषण की सलाह देती हूं. परिजनों को भी बच्चे को सही पोषण के बारे में बताती हूं. अभी हमलोगों का काम घर पर जाकर ही गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने का है.

15 साल से कर रही हैं काम: रंजना कुमारी 2006 से बतौर सेविका के तौर पर अपना काम कर रही हैं. रंजना के पति 5 भाई हैं. संयुक्त परिवार होने के नाते घर की भी जिम्मेदारी है, लेकिन घर की जिम्मेदारी के साथ सेविका का काम भी पूरे उत्साह के साथ करती हैं. इस काम में उनके पति भी सहयोग करते हैं. पति घर के काम में हाथ बढ़ाते हैं. इसलिए रंजना को क्षेत्र (फील्ड) में अपना काम करने में आसानी होती है.

SHARE