नई दिल्लीः देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और उसमें केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी नीतियों की कमियों को फिर उजागर किया. मध्य प्रदेश में आने वाली 28 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भोपाल पहुंचे और वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
रिजर्व बैंक और सरकार के बीच चल रही तनातनी के सवालों पर मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं भी रिजर्व बैंक का गवर्नर रह चुका हूं. आरबीआई और वित्तमंत्रालय का आपसी रिश्ता बेहद नाजुक होता है जिसके लिए दोनों को मिलकर काम करना होगा. देश को चलाने की जिम्मेदारी सरकार पर होती है लेकिन कुछ आर्थिक संस्थानों को चलाने की जिम्मेदारी आरबीआई गवर्नर और सरकार दोनों को मिलकर उठानी होती है. कुछ खास जिम्मेदारी आरबीआई एक्ट के जरिए गवर्नर और उनके सहयोगियों को भी दी गयी है. वित्त मंत्रालय और आरबीआई दोनों को एक दूसरे पर अपनी निर्भरता को समझना पड़ेगा.
मैं खुश हूं कि बहुत से संशयों और शक-शुबह के बाद वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच आपसी मतभेदों को सुलझाने को कोशिश हो रही है. मैं उम्मीद करता हूं कि देश के हित में दोनों ही अपनी जिम्मेदारी समझ साथ मिलकर काम करेंगे.
रिजर्व बैंक के खजाने का जनता के लिए उपयोग किस तरह किया जाए इसको समझना इतना आसान नहीं है. साल 2013-14 में भी ये सवाल उठाया गया था लेकिन वित्त मंत्रालय की कमेटी ने अपनी राय इस जटिल मामले पर अपनी राय रखी थी कि रिजर्व बैंक के कोष को आसानी से लिक्विडेट नहीं किया जाना चाहिए. रिजर्व बैंक के कोष का इस्तेमाल उस सूरत में किया जाना चाहिए जब अर्थव्यवस्था बहुत ही संकट भरे दौर से गुजर रही हो. इस समय ऐसी कोई जरूरत नहीं मालूम पड़ती है तो वित्त मंत्रालय को फिलहाल रिजर्व बैंक के कोष को सरकारी इस्तेमाल में लिए जाने की जरूरत नहीं है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को पीएम मोदी के लिए चुनौती को देने का माध्यम नहीं बनाना चाहता हूं. नोटबंदी और जीएसटी के बाद लोगों ने दिक्कतों का सामना किया है और वो खुद प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनौती तैयार कर रहे हैं.
मनमोहन सिंह से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नोटबंदी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधा और इसे एक संगठित लूट करार दिया. उन्होंने कहा, ‘मैंने नोटबंदी को लेकर अपनी राय संसद में रखी थी. मेरी साफ राय है कि ये संगठित लूट थी.’