इन्दूज टैलेन्ट शो आज लखनऊ में, बहुमुखी प्रतिभाओ का आगमन।
जानी मानी हस्तियां होगी शामिल
लखनऊ: तरंग संवाददाता: आज इन्टरनैशनल बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में इन्दूज टैलेन्ट शो का आयोजन हो रहा है।
इसमें बहुमुखी प्रतिभाओ का आगमन होगा।
ईश्वर, अल्लाह, गौड को मानने का सबसे सरल तरीका अपने शब्दों की पवित्रता बनाये रखना है।
आप सब आमन्त्रित है और होली मिलन में संगीत, आपका अपना टैलेन्ट जिसकी चर्चा और 3 minut का समय , 9 सत्र नव रंग नव रस पुराने बचपन के दिनों के गीत याद कीजिये झूमिये अपने मन की हिच खोलिये, हँसने हँसाने का मंच और किसी भी प्रतिभा का परिचय, परीक्षण, प्रशिक्षण की दिशा के साथ अनवरत समाज की ओर घरो में चर्चा बनने की ओर जिसमे कार्ड पर लिखे शब्द ध्यान से पढ़ने पर पिछले 1999 से जुड़े लोगो की समझ मे चेतना स्वर चेतनकेन्द्र और आमजन के सपने अपने हौसलो के साथ बस एक निरन्तर गतिशील विश्वसनीय सहयोगी मंच तन्त्र के साथ बिना किसी भी संगठन आपकी अपनी क्षमता का आकलन आपके अपने शौक और अभ्यास और आदते जो जीवन मे ऊर्जा प्रवाह देते हो । आपका स्वयं अर्जित टैलेन्ट 1रिश्ते बनाने या बनाए रखने के लिए आपकी वाणी शब्द जिम्मेदार होते है ये भी एक बड़ा टैलेन्ट है । इनसे ताल मिलाने की जुगत, किसी भी नेगेटिव अवसर, व्यक्ति या वस्तु को सदुपयोग करने की इच्छाशक्ति, आत्माकलन, आत्मसाक्षात्कार, आत्मदीक्षा, की ओर चलने की पहल करने का मंच, नृत्य, संगीत, गायन, वादन, मस्ती सब जीवन की सरगम के अवयव, भोलापन बचपन का, मन के रंगों को पढ़ने की कोशिश, पँखो को फैलाने की ललक, No tension प्रोग्राम, खुशी की मासिक पेंशन के साथ, बचपन सही जी ले इसकी योजना लागू कैसे होगी, रीना जी, आप सब आमन्त्रित है और होली मिलन में संगीत, आपका अपना talent, जिसकी चर्चा और 3 minut का समय दिया गया है। इसमें 9 सत्र होगे।
नव रंग, नव रस, नवऊर्जा का संचार माध्यमों से प्रचार होगा।
पुराने बचपन के दिनों के गीत याद कीजिये झूमिये अपने मन की हिच खोलिये, हँसने हँसाने का मंच और किसी भी प्रतिभा का परिचय, परीक्षण, प्रशिक्षण की दिशा के साथ अनवरत समाज की ओर घरो में चर्चा बनने की ओर जिसमे कार्ड पर लिखे शब्द ध्यान से पढ़ने पर पिछले 1999 से जुड़े लोगो की समझ मे चेतना स्वर चेतनकेन्द्र और आमजन के सपने अपने हौसलो के साथ बस एक निरन्तर गतिशील विश्वसनीय सहयोगी मंच तन्त्र के साथ बीते हुए नही शाश्वत पवित्रता आत्मिक पवित्रता, मैल रहित भाव जीवन संघर्ष से हुई थकान से मुक्त भाव, 36 मिनट के 9 सत्र के लिए हर पल को अगर खुल के जियो अब हमारा बचपन तो गया पर हम अपने बच्चों को वह सब करने दें जो उनकी करने की इच्छा है तो निश्चित रूप से कल वो कह सकेंगे कि हमने अपना बचपन खुल कर दिया। इसी तरह जीवन के अन्य पड़ाव को भी । मेरा ऐसा मानना है कि आज का दिन जो है वह भी मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ है और आज जो करने की इच्छा है वह सब कर लेते हैं मैं कि कल इस बात का अफसोस ना रहे जब यह काम बच गया मेरी इस आदत से मेरा पूरा परिवार परेशान रहता है पर उन्हें कौन समझाए कि जीना इसी का नाम है।
इन्दू सिंह