विश्व बाल दिवस तैयारियों/बाल अधिकार सप्ताह के तहत बाल अधिकार यात्रा का शिक्षा मंत्री ने किया शुभारंभ

बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए और ज़्यादा काम करने को शिक्षा विभाग और यूनिसेफ़ संकल्पबद्ध
आने वाले 5 सालों में राज्य के सभी विद्यालय कंप्यूटर लैब से आच्छादित हो जाएंगे: राज्य परियोजना निदेशक, बीईपीसी
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों का अधिकार, इसे सुनिश्चित करना हम सबकी ज़िम्मेदारी: यूनिसेफ़ बिहार प्रमुख
पटना, 17 नवंबर: बाल अधिकार सप्ताह के तहत यूनिसेफ़ और शिक्षा विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित बाल अधिकार यात्रा को माननीय शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने आवास 5 सर्कुलर रोड से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, अपर राज्य परियोजना निदेशक रवि शंकर सिंह एवं सुनयना जी, विजय कुमार हिमांशु, निदेशक, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, बिनोदानंद झा, निदेशक, शोध एवं प्रशिक्षण, शिक्षा विभाग, बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल क़य्युम अंसारी एवं सचिव सईद अंसारी, यूनिसेफ़ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़, कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय, एजुकेशन स्पेशलिस्ट पुष्प जोशी, संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता, पटना के ज़िला शिक्षा अधिकारी अमित कुमार समेत यूनिसेफ़ के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ज्ञात हो कि कोविड महामारी की वजह से लंबे समय तक स्कूल बंद रहे हैं जिससे बच्चों की पढाई-लिखाई का काफ़ी नुकसान हुआ है. इसे देखते हुए ‘सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पुनर्कल्पना’ को 20 नवंबर को मनाए जाने वाले विश्व बाल दिवस का थीम चुना गया है।
विभिन्न स्कूलों, किलकारी बाल भवन और नारी गुंजन के 150 बच्चे-बच्चियों सहित क़रीब 300 लोगों ने इस यात्रा में भाग लिया। तख्तियों पर शिक्षा एवं बाल अधिकारों से जुड़े प्रभावी संदेशों के साथ साइकिल और पैदल मार्च करते बच्चों के साथ यात्रा में शामिल वयस्कों ने भी लोगों को जागरूक करने के लिए बाल अधिकारों के समर्थन में नारे लगाए।
इको पार्क पहुंचने पर यूनिसेफ़ और शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी बच्चों का स्वागत किया गया। बच्चों द्वारा मिलकर ‘विश्व बाल दिवस’ का फ़ॉर्मेशन किया गया। इसके पश्चात ‘हमारी बात सबके साथ’ सत्र के अंतर्गत बच्चों ने ‘अगर मैं शिक्षा मंत्री होता/होती, तो क्या बदलाव लाता/लाती एवं हमारी शिक्षा कैसी हो’ विषय पर अपने विचार लिखे जिसे आयोजन स्थल पर डिस्प्ले किया गया। साथ ही, बच्चों ने अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर सवाल भी पूछे जिसका उन्होंने जवाब दिया। कन्या मध्य विद्यालय, अमलाटोला की श्वेता रानी के सवाल ‘प्राइवेट स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा दी जाती है, हमारे स्कूलों में क्यों नहीं’ के जवाब में बीईपीसी के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि अगले साल मार्च-अप्रैल तक 2000 स्कूलों में कंप्यूटर लैब लग जाएंगे। साथ ही, 3000 स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने पर काम चल रहा है। सरकार इस दिशा में तेज़ी से काम कर रही है और आने वाले 5 सालों में राज्य के सभी विद्यालय कंप्यूटर लैब से आच्छादित हो जाएंगे, ऐसा हमारा अनुमान है।
बालक मध्य विद्यालय, अमलाटोला के अंकित कुमार ने पूछा कि जब कोई सरकारी नौकरी करता है तो उसे बहुत सम्मान मिलता है, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों को उचित सम्मान क्यों नहीं मिलता। इसके जवाब में डब्ल्यूएचओ के बिहार चीफ़ डॉक्टर सुब्रह्मन्या ने कहा कि पहले की तुलना में सरकारी स्कूलों में काफी सुधार हुआ है। लेकिन शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों की भी बड़ी ज़िम्मेदारी है, अगर आप पूरी लगन और निष्ठां के साथ पढ़ाई करेंगे तो आपको ज़रूर सफलता मिलेगी। पटना की शिक्षिकाओं अंकिता कुमारी और निशि कुमारी द्वारा इस सत्र का संचालन किया गया।
यूनिसेफ़ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़ ने बाल अधिकारों पर बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की अपील की। उन्होंने बच्चों को हर परिस्थिति का दृढ़तापूर्वक सामना करने की सलाह देते हुए कहा कि शिक्षा एक बहुत कारगर औज़ार है जिसके ज़रिए आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने हेतु हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं।
बच्चों के लिए बाल अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर आधारित एक क्विज़ कॉम्पटीशन का आयोजन किया गया जिसका संचालन टीचर्स ऑफ़ बिहार के शिव कुमार ने किया। सफल बच्चों को पुरस्कृत किया गया। ऑनलाइन मोड में यह क्विज (https://som.teachersofbihar.org/quiz/child-rights-quiz
20 नवंबर तक जारी रहेगा और सफल प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान नारी गुंजन की बच्चियों द्वारा समूह गान के साथ-साथ पिरामिड निर्माण किया गया। ‘बिहार में बच्चों की शिक्षा कैसी हो’ विषय पर बिहार यूथ फ़ॉर चाइल्ड राइट्स के आदित्य कुमार, किलकारी के करण कुमार एवं पूनम कुमारी तथा बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल की अंकिता कुमारी द्वारा लाइव पेंटिंग की गई।
भागलपुर की शिक्षिका नम्रता मिश्रा द्वारा पूरे सत्र का संचालन किया गया।

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