- आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को खुद के सामने खिलाई जा रही अल्बेंडाजोल, डीईसी, आईवरमेक्टिन की दवा
- कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ दवाई का सेवन करा रही मेडिकल टीम
शेखपुरा, 22 दिसंबर।
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर बीते मंगलवार से जिले में शुरू हुए आईडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान की गति दूसरे दिन बुधवार को तेज कर दी गई। ताकि हर हाल में निर्धारित समयावधि के अंदर अधिकाधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सुनिश्चित रूप से सेवन कराया जा सके और अभियान सफल हो सके। जिसे सार्थक रूप देने के लिए मेडिकल टीम की देखरेख में संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट की तर्ज पर घर-घर जाकर लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी और आईवरमेक्टिन की दवा खिलाई जा रही और इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। वहीं, अभियान को हर हाल में सफल बनाने के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह खुद भी आईडीए अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
- कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ एवं तय मानकों के अनुसार खिलाई जा रही है दवा :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया, फाइलेरिया उन्मूलन को हर हाल में पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए जिले में मंगलवार से आईडीए अभियान का शुभारंभ हो चुका है। जिसके दौरान कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ तय मानकों के अनुसार सुपरवाइजर के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा योग्य व्यक्तियों को दवाई खिलाई जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, हर हाल में अभियान की सफलता एवं शत-प्रतिशत लोगों को दवाई का सेवन सुनिश्चित करने के लिए एक-एक व्यक्ति तक स्वास्थ्य टीम पहुँचकर दवाई का सेवन करा रही है। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहें और हर हाल में अभियान सफल हो सके। - फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन जरूरी :
जिले के वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई का सेवन बेहद जरूरी है। क्योंकि, बचाव के लिए सबसे बेहतर और कारगर उपाय दवाई का सेवन ही है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि खुद एवं परिवार और समाज की सुरक्षा के साथ-साथ इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए निश्चित रूप से दवाई का सेवन करें। वहीं, उन्होंने बताया, दवाई के सेवन के साथ-साथ ही एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई तो खिलाई ही जा रही , इसके अलावा इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। जैसे कि, घर के आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं घरों में सोने से पहले मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही अन्य लोगों को दवा सेवन के प्रति जागरूक भी करें, ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी जड़ से समाप्त हो सके। इस बीमारी को पूरी तरह से मिटाने के लिए जागरूकता भी बेहद जरूरी है। वहीं, उन्होंने बताया, दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं। - फाइलेरिया क्या है ?
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाइड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
- इन बातों का रखें ख्याल :
- भूखे पेट दवा नहीं खिलानी है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
- गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।
- 02 वर्ष तक के छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है।
- गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
- फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।