न्याय सबके लिए बराबर हो ! मीडिया को भी समाचारों में समानता, निष्पक्षता का परिचय देना चाहिए।
संकलन कर्ता – श्री गुरुजी भू
मानवाधिकारी, मीडिया हो या नेता हो या हो समाज सेवी सबको मानव को समानता से देखना चाहिएं। दक्षिण भारत की एक फ़िल्म में महेश बाबू का एक डायलॉग मेरे दिल को छू गया। जिसमें उन्होंने बोला कि दुनिया मे तमाम लोग, हर हिस्से, हर दिन तमाम मछलियों को काट कर, भूनकर, उबाल कर, पीसकर, कच्चा, और तो और उसको सूखा कर के भी खाते हैं। लेकिन उसका जिक्र किसी मीडिया चैनल पर नहीं होता किसी अखबार में नहीं होता । अब आप सोचो कि अगर किसी दिन कोई मछली किसी इंसान को खा जाए तो ? उस मछली का ज़िक्र हर अबखार, हर न्यूज़ चैनल पर होगा कि एक मछली आदमी को खा गई।
अभी कुछ दिन पहले न्यूज़ीलैंड में एक ईसाई समुदाय के युवक ने मस्जिद में घुस के गोलीबारी की और कई मुस्लिम लोगों को मार दिया। जिसके बाद न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री मुस्लिम बन कर मुस्लिम समुदाय के घर जा रही है। न्यूज़ीलैंड की संसद में नमाज़ पढ़ी जा रही हैं। न्यूज़ीलैंड की लिबरल महिला ग्रुप हिबाज़ बांध के campaign कर रही हैं। न्यू ऐज ग्रुप के लोग We are with Muslim हैशटैग चला रहे हैं। दुनिया के तमाम देशों में मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा को लेकर चर्चा हो रही हैं।
2 साल पहले केन्या के एक मॉल में मुस्लिम लोगों ने 400 लोगों को चुन चुन कर मारा। उनकी लाशों को मॉल की छत से फैक दिया था। कितने लोगों को उस घटना की जानकारी हैं ? कितने मीडिया चैनल ने उसके लिए टैगलाइन चलाई ?
2012 से सीरिया में लाखों यजीदी महिलाओं को काट दिया गया। उनका बलात्कार किया जा रहा। उनको जला दिया जा रहा हैं। उनके अंगों को कुत्तो को खिला दिया जा रहा हैं। उनको बेच दिया जा रहा हैं। आप ने कितनी मस्जिद में इस बात को लेकर फ़तवा सुना या किसी मौलवी से उनके सम्बंध में कोई बात सुनी ?
बंगलादेश के एक कैफ़े में कई भारतीय सहित अन्य देशों के लोगों को क़ुरान की आयतें पढ़वा पढ़वा के गोली मार दी गयी। जिसको आयात आती थी उसको छोड़ दिया जाता था बाक़ी सबको मार दिया जाता। क्या आप ने इस विषय मे मुस्लिम समुदाय का हैशटैग या कैंडल मार्च निकलते हुए देखा?
1989 से 1990 तक कश्मीर में मस्जिदों से ” कश्मीर बनेगा पाकिस्तान, काफिरो कश्मीर खाली करो ” के नारे के साथ लाखों कश्मीरी हिंदुओं को लूटा गया, बलत्कार किया गया, उनकी गर्दन काट के पेड़ पर लटका दी गई। उस घटना के बाद लाखों हिन्दू परिवार रातो रात कश्मीर से निकल के दिल्ली के रामलीला मैदान और जम्मू के टैंटों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए। क्या आप ने किसी मुस्लिम से इस विषय मे कोई बात सुनी ? कितने मुस्लिम लोगों ने इस विषय मे मार्च निकाला ? कितनो ने कोई लेख लिखा ?
पाकिस्तान के Dawn अखबार के अनुसार में हर साल 10 हज़ार ज्यादा कम उम्र की हिन्दू लड़कियों का रेप व अपहरण कर के उनका धर्मपरिवर्तन कर बड़ी उम्र के मुल्ला या मुस्लिम बुजुर्ग से शादी करवा दी जाती हैं। हिन्दू परिवार पाकिस्तान की कोर्ट में अपनी बच्ची की कम उम्र और कानून का नाम लेकर न्याय मांगते हुए रोता रहता हैं परंतु उसकी बेटी को घर वापस नहीं भेजा जाता। उल्टा कोर्ट लड़कियों को अपहरणकर्ताओं के हवाले कर देता हैं। क्या आप ने कभी इसको लेकर कोई हैशटैग किसी द्वारा चलाते हुए देखा ? कभी उनके नाम पर मुस्लिम को तिलक लगते हुए देखा ?
2002 में राम मंदिर अयोध्या से गुजरात ट्रेन जा रही थी। कुछ मुस्लिम समुदाय ने ट्रेन की बोगियों के दरवाजे तार से बंद कर दिए और तेल डाल कर बोगी में आग लगा दी। जिस में 62 हिन्दू जिंदा जल गए। लेकिन आप ने गुजरात दंगों पर रोना रोते बिलखते लोगो से उन 62 परिवारों के दुख दर्द पर बात करते या कोर्ट में पेटिशन डालते सुना ?
बोको हरम नाम के मुस्लिम संगठन ने नाइजीरिया के एक शहर में 10 हज़ार से ज्यादा लोगों को लाइन में खड़े कर के गोली मार दी। क्या आप ने किसी देश के प्रधनमंत्री या यूनाइटेड नेशंस के ह्यूमन राइट्स शाखा को इस विषय मे दो शब्द बोलते किसी न्यूज चैनल में सुना?
उस ही बोको हरम ने 500 स्कूल की छात्राओं को एक स्कूल से उठ लिया। जिसके बाद उन लड़कियों के परिवार जनों ने हर किसी से उनके वापसी के लिए हाथ जोड़े लेकिन किसी देश ने आज तक उनकी घर वापसी के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया। किसी ह्यूमन राइट्स संगठन ने उनके लिए कुछ नहीं किया।
न्यूजीलैंड की घटना में जो कुछ भी हुआ उस तरह हर रोज मुस्लिम समुदाय बड़े स्तर पर लोगों को मार रहा हैं। जला कर, पानी मे डुबाकर, उनके अंग अंग काटकर, उनके साथ बलात्कार कर के, उनकी गर्दन काट कर, उनको गोली मारकर। लेकिन कोई इस विषय मे बात तक करना तो दूर, सुनने तक को तैयार नहीं हैं। बल्कि मुस्लिम समुदाय को हिंसा से पीड़ित दिखा कर अन्य लोगों से उनके प्रति सहानुभूति ली जा रही हैं।
मानवाधिकारी, मीडिया हो या नेता हो या हो समाज सेवी सबको मानव को समानता से देखना चाहिएं।