सरकार टैक्स घटाकर टू-व्‍हीलर्स खरीदारों को दे सकती है राहत

कोरोना महामारी के बीच अगले महीने पेश होने वाले बजट में ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि कोरोना काल में वाहनों की मांग में भारी गिरावट आई है। सरकार अगर जीएसटी की दर में कटौती करती है तो इससे मांग के मोर्चे पर राहत मिलेगी।

FADA ने कहा कि दोपहिया वाहन लग्जरी उत्पाद नहीं है इसलिए जीएसटी दरों में कटौती की जरूरत है। देश के 15,000 से ज्‍यादा ऑटोमोबाइल डीलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी को 18 फीसदी तक कम करने की मांग की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करेंगी।

फाडा ने कहा कि दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल लग्जरी वस्तु के तौर पर नहीं किया जाता है।आम लोग अपने रोजमर्रा के काम निपटाने में इसका इस्‍तेमाल करते हैं। इसलिए 28 फीसदी जीएसटी के साथ 2 फीसदी सेस लगाना ठीक नहीं है। सेस लग्जरी उत्पादों पर लगाया जाता है। एसोसिएशन ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में तेजी के चलते वाहन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में जीएसटी दरों में कमी से लागत में बढ़ोतरी का मुकाबला करने और मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सियाम की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, मोटरसाइकिल-स्कूटर और मोपेड की बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अप्रैल 2021 से दिसंबर के बीच दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। अप्रैल-दिसंबर 2021 में 2020 के मुकाबले कम वाहन बेचे गए। साल 2020 की समान अवधि में एक करोड़ यूनिट दोपहिया बिके थे हालांकि, इस दौरान यात्री कारों और प्रीमियम कारों की बिक्री में तेजी आई है।

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