नेपाल ने अफगानिस्तान को दी 14 टन मानवीय सहायता

अफगानिस्तान के लिए भारत के बाद अब पड़ोसी देश नेपाल ने मदद का हाथ बढ़ाया है। तालिबान के कारण गरीबी और भुखमरी से जूझ रहे अफगानिस्तान को नेपाल ने करीब 14 टन मानवीय सहायता दी है। नेपाल के अधिकारियों ने काबुल में काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों को ये मदद सौंपी। नेपाल के आधुनिक इतिहास में यह पहली बार है जब उसने किसी दूसरे देश को मदद भेजी है।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव सेवा लामसाल के नेतृत्व में टीम काबुल गई और वहां पर खाद्य सामग्री के अलावा 14 टन राहत सामग्री सौंपी। मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री नारायण खडका ने सद्भावना पहल के तहत इस प्रयास का नेतृत्व किया उन्होंने कहा, ‘आर्थिक संकट और कठोर मौसम का सामना कर रहे अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता और अफगानिस्तान के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन आवश्यक हो गया है’
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में खडका ने कहा कि नेपाल के आधुनिक इतिहास में यह पहली बार है जब सरकार ने दूसरे देश को अपने स्तर पर मानवीय सहायता पहुंचाई है उल्लेखनीय है कि नेपाल की इस पहल में कन्फेडरेशन ऑफ नेपालीज इंडस्ट्रीज, फेडरेशन ऑफ नेपलीज चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंस्ट्री, नेपाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स, अग्रवाल सेवा केंद्र, हिमालय एयरलाइन सहित निजी निकायों, संगठनों और लोगों ने मदद की है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी अफगानिस्तान की मानवीय सहायता के लिए 1.2 अरब डॉलर देने का वादा किया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने देश में सुचारु मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए तालिबान को प्रक्रिया में शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया है. गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से देश की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
इससे पहले भारत ने 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और दवा देकर अफगानिस्तान की मदद की थी। पहले ये मदद पाकिस्तान के रास्ते जाने वाली थी, लेकिन उसने इसे रोकने की तमाम कोशिश की जिसके बाद ईरान ने चाबहार बंदरगाह के जरिए मदद पहुंचाने के लिए भारत का सहयोग करने की बात कही।

SHARE