खगड़िया, 31 जनवरी।
एनीमिया बीमारी होने का सबसे मुख्य और बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी होना है। इसलिए इससे बचाव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। आहार में बदलाव ही इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे सरल उपाय है। यह बीमारी खून में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिका या हीमोग्लोबिन कम होने से होता है।
इसलिए, लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएं और चिकित्सा परामर्श का पालन करें। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत खड़ा कर सकती है। इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है। ऐसे में समय पर जाँच के लिए अस्पताल जाने एवं चिकित्सकों की सलाह का पालन करना चाहिए। जो आगे की मुसीबत उत्पन्न नहीं होने देगी एवं आपके लिए ना सिर्फ फायदेमंद साबित होगा बल्कि आपको बीमारी से छुटकारा भी मिल सकता है।
- आयरनयुक्त खाना का करें सेवन :
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को आहार बदलने एवं आयरन युक्त आहार का सेवन करने से बचाव होगा,अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत बन सकती है। - ये हैं एनीमिया के प्रारंभिक लक्षण :
एनीमिया की बीमारी का शुरुआती लक्षण थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन में बदलाव, साँस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द, त्वचा सफेद दिखना आदि कमी होना है। ऐसा लक्षण होते ही ससमय इलाज कराएं। - प्रोटीनयुक्त खाने का करें सेवन :
एनीमिया के दौरान प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करें। जैसे कि पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूँगफली की मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें। जो कि आपके शरीर की कमी को पूरा करता है एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होती है । इससे आपको एनीमिया बीमारी से बचाव मिल सकता है। - लौह तत्वयुक्त चीजों का करें सेवन :
एनीमिया से बचाव के लिए लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें। यहाँ तक की सब्जी भी लोहे की ही कढ़ाई में बनाएँ। लोहे की कढ़ाई में सब्जी बनाने से आयरन की मात्रा काफी बढ़ जाती है। - चिकित्सकों के सलाह का करें पालन :
एनीमिया के दौरान आप तुरंत किसी योग्य चिकित्सकों से दिखाएं एवं चिकित्सकों के अनुसार आवश्यक जाँच कराएं। जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गई आवश्यक चिकित्सा परामर्श का पालन करें, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। - गर्भवती महिलाएँ रखें विशेष ख्याल :
यह बीमारी महिलाओं में अधिक पाई जाती है। खासकर गर्भवती महिलाएँ को गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण करना पड़ता है। जिसमें कमी होने के कारण एनीमिया होने की प्रबल संभावना हो जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाएँ को गर्भ के दौरान लगातार हीमोग्लोबिन समेत अन्य आवश्यक जाँच करानी चाहिए एवं चिकित्सकों के परामर्श का पालन करना चाहिए। - इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
- नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।
- विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।