अगर मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जाता है, तो उसे कैसे नकारा जा सकता है?

जयपुर
प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर शहर के विकास के लिए जिम्मेदार जयपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त समेत पूरा कार्यालय रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी ममता यादव रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों पर हंस रही थीं।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आता है तो कोई मना कैसे कर सकता है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि जवाहर सर्किल के सिद्धार्थ नगर में एक व्यक्ति अपनी जमीन पट्टे पर देना चाहता है।

बदले में उपायुक्त ममता यादव ने 6.5 लाख रुपये और कनिष्ठ अभियंता श्याम ने 3 लाख रुपये की मांग की। बैठक के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जेडीए में जाल बिछाया और तत्कालीन आरएएस अधिकारी ममता यादव, जयंत श्याम, नक्शा पास करने वाले कर्मचारी विजय मीणा, कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश मोरया के साथ लेखाकार राम तुफान मंडेटिया को रिश्वत लेते पकड़ा गया। यह पहला मौका है जब पूरे अंचल के अधिकारी रिश्वत लेते पकड़े गए हैं।

SHARE