कोरोना काल में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर खुद को रखें स्वस्थ्य

-शारीरिक गतिविधियां बढ़ने से बिना संक्रमण वाली बीमारियों से होता है बचाव
-घर से निकलते वक्त मास्क जरूर पहनें और खुली हवा में रहने की कोशिश करें
बांका, 3 मार्च
कोरोना  काल में लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने लगे हैं। लोग न सिर्फ मास्क और ग्लब्स पहन रहे हैं, बल्कि स्वस्थ्य रहने के लिए अन्य एहतियात भी बरत रहे हैं। बहुत सारे लोगों ने खाना-पीना पर नियंत्रण कर रखा है तो कुछ लोग योग और ध्यान कर खुद को स्वस्थ्य रख रहे। ये सारी चीजें तो जरूरी हैं ही, इसके साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर भी लोग खुद को निरोग और स्वस्थ्य रख सकते हैं।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं शारीरिक गतिविधियां तो पहले भी लोग करते थे,  लेकिन कोरोना काल में ऐसा करने वालों की संख्या बढ़ी है। पहले सिर्फ जागरूक लोग ऐसा करते थे, लेकिन कोरोना काल में आमलोगों का भी रुझान इस ओर बढ़ा है। दरअसल, शारीरिक गतिविधियों से न सिर्फ शरीर स्वस्थ्य रहता है, बल्कि तमाम रोगों से भी बचाव होता है। खासकर वैसे रोग जिसका संक्रमण दूसरे से नहीं होता है। वैसी बीमारियां शारीरिक गतिविधियां रहने से नहीं होती हैं।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता होती है विकसित: डॉ. चौधरी कहते हैं शारीरिक गतिविधियां करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे तमाम तरह की बीमारियों से लोगों का बचाव होता है। अगर व्यक्ति किसी बीमारी की चपेट में आ भी गया तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अधिक रहने से वह व्यक्ति जल्द ही उस बीमारी से उबर जाता है। इसलिए लोगों को शारीरिक गतिविधियों को करते रहना चाहिए।
शुगर, हार्ट और हाइपरटेंशन से होता है बचाव: डॉक्टर चौधरी कहते हैं शारीरिक गतिविधियां करने से लोग शुगर, हाइपरटेंशन और हार्ट की बीमारियों से बचे रहते हैं। यह सारी बीमारियां शरीर बढ़ने से हो जाती है। यानी वजन अधिक रहने से। वजन बढ़ने से लोग शुगर की चपेट में भी आते हैं। आमतौर पर जिस व्यक्ति को शुगर है, वह व्यक्ति हाइपरटेंशन की भी चपेट में आ जाता है। फिर ह्रदय(हार्ट) की बीमारी की चपेट में आ जाता है। जो व्यक्ति शारीरिक गतिविधियां करते हैं, वे इन सब बीमारियों से बचे रहते हैं।
मानसिक तौर पर  मिलती है राहत: डॉ. चौधरी कहते हैं शारीरिक गतिविधियां करने से लोग मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रहते हैं। जो व्यक्ति सुबह की सैर (मॉर्निंग वॉक) करता हो या फिर शरीर को ज्यादा समय तक सक्रिय (एक्टिव) रखता हो, उस व्यक्ति में किसी तरह का तनाव (स्ट्रेस) नहीं आता है। इस वजह से वह मानसिक तौर पर मजबूत रहता है। ऐसे व्यक्ति लोगों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाते हैं।

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