रूस के साथ S-400 मिसाइल सौदे को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड लू ने पूछा कि क्या भारत को सीएएटीए के तहत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने से रोक दिया जाना चाहिए। वह भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान से दूर रहने के बाद बोल रहे थे।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ने भारत के साथ अमेरिकी संबंधों पर सुनवाई के दौरान अमेरिकी सांसदों की आलोचना की है। लू ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने अभी तक भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने का फैसला नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुरक्षा साझेदार है और हम इस साझेदारी को आगे ले जाना चाहते हैं।
भारत 2014 से रूसी हथियारों का प्रमुख आयातक रहा है। भारत ने हाल ही में मिग लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और टैंक रोधी हथियारों के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि प्रतिबंध अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि रूस मौजूदा प्रणाली के तहत ग्राहकों को नई बिक्री करने या रखरखाव प्रदान करने में सक्षम नहीं दिखता है।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आने वाले महीनों और वर्षों में किसी भी देश के लिए मॉस्को से महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली खरीदना बहुत मुश्किल होगा।” इसका कारण यह है कि कांग्रेस ने व्यापक वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं। मुझे लगता है कि भारत उन देशों में से एक है जो इस बारे में चिंतित हैं।