भांजे का मायरा भरने के लिये मामा ने दिए 2 बोरे भरकर नोट, 3 घंटे में गिने गए

मायरे यानी भात के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के नागौर जिले में एक बार फिर विशेष मायरा भरा गया है। नागौर जिले में किसान परिवार के 3 भाई अपने भांजे की शादी में दो बोरे नोट लेकर पहुंचे। इस अनूठे मायरे के लिए किसान परिवार ढाई साल से पैसा इकट्‌ठा कर रहा था।

रविवार रात को उसने मायरे में टोकरी में 10-10 रुपये के नोटों को रखा गया। मायरे में कुल सवा छह लाख रुपए भरे गए। यहां बोरों में भरकर लाये गये रुपये गिनने में पंचों को 3 घंटे से ज्यादा का समय लग गया। यह अनोखा मायरा नागौर जिले के देशवाल गांव में भरा गया।

शादी में कुल सवा 6 लाख रुपये का मायरा भरा गया। नगदी के अलावा सोने-चांदी के आभूषण भी उपहार स्वरूप मायरे में दिए गए।

बताया जाता है कि यहां के धर्माराम जाट और गोपालराम जाट मुगल शासन में बादशाह के लिए टैक्स कलेक्शन कर दिल्ली दरबार में ले जाकर जमा करने का काम करते थे। इस दौरान एक बार जब वो टैक्स कलेक्शन कर दिल्ली जा रहे थे तो उन्हें बीच रास्ते में रोती हुई लिछमा गुजरी मिली।

उसने बताया था कि उसके कोई भाई नहीं है और अब उसके बच्चों की शादी में मायरा कौन लाएगा ? इस पर धर्माराम और गोपालराम ने लिछमा गुजरी के भाई बन टैक्स कलेक्शन के सारे रुपये और सामग्री से मायरा भर दिया। बादशाह ने भी पूरी बात जान दोनों को सजा देने के बजाय माफ कर दिया था। तब से खिंयाला के जाटों द्वारा भरा गया मायरा लोक गीतों गाया जाता है।

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